Ashadha Month 2023: आषाढ़ महीने में देवताओं के सोने पर न करें ये शुभ काम वरना लाभ की जगह होगा नुकसान

Ashadha Month 2023: आषाढ़ महीने में देवताओं के सोने पर न करें ये शुभ काम वरना लाभ की जगह होगा नुकसान

आषाढ़ महीने की देवशयनी एकादशी से भगवान श्रीहरि 4 महीने के लिए सो जाते हैं. देवताओं के सोने के बाद आखिर कौन से काम नहीं करने चाहिए यहां पढ़ें.

ज्येष्ठ मास 4 जून 2023 को खत्म हो जाएगा उसके बाद 5 जून से आषाढ़ महीने की शुरुआत हो जाएगी. हिंदू धर्म में हर महीना अपना अलग महत्व रखता है. उसी तरह से आषाढ़ के महीने का भी अपना अलग ही महत्व है. यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित है. भगवान श्रीहरि को समर्पित इस महीने में पूजा पाठ का खास महत्व है. आषाढ़ महीने में जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा, देवशयनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि समेत कई त्योहार पड़ते हैं. वैसे तो इस महीने को पूजा-पाठ के लिए काफी अच्छा माना गया है लेकिन फिर भी कोई शुभ कार्य इस दौरान नहीं किया जाता है. दरअसल आषाढ़ महीने की देवशयनी एकादशी से भगवान श्रीहरि 4 महीने के लिए सो जाते हैं. देव सोने के बाद कौन से काम नहीं करने चाहिए आपको बताते हैं.

Ashadha Month 2023: कब से शुरू होगा आषाढ़ मास, जानें पूजा के नियम और उपाय

  1. आषाढ़ महीने में एकादशी के बाद शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य का करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है. कहा जाता है कि अगर इस दौरान शादी-ब्याह किया जाए तो दांपत्य जीवन सुखमय नहीं रहता है.
  2. आषाढ़ महीने में एकादशी के बाद नए घर में प्रवेश करना भी शुभ नहीं माना जाता है. सही महूर्त में गृह प्रवेश न करने से सुख-समृद्धि कम होती है. दरअसल ये समय सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के सोने का है.
  3. हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार का काफी महत्व है. ऐसा शुभ काम आषाढ़ मास में करना अशुभ फल देने वाला माना जाता है, इसीलिए इस महीने में बच्चे का मुंडन नहीं कराया जाता है.
  4. आषाढ़ मास यानी कि चतुर्थमास में नामकरण संस्कार और जनेऊ संस्कार भी नहीं कराया जाता है. इस तरह के मांगलिक कार्यों के लिए ये समय सही नहीं है.
  5. माना जाता है कि देव सोने के बाद शुभ शक्तियां कमजोर होने लगती हैं. आषाढ़ महीने से अगले चार महीने तक नकारात्मक शक्तियां काफी एक्टिव हो जाती हैं. इसीलिए शुभ कार्य करना वर्जित है.

श्रीहरि के चरणों में ध्यान लगाने से होगा कल्याण

जो भी मनुष्य ज्योतिष द्वारा बताई गई इन बातों को नजरअंदाज करता है और देव सोने के बाद भी बिना महूर्त शुभ और मांगलिक कार्यों को करता है उनके जीवन में पेरशानियां घर कर लेती हैं. इस साल आषाढ़ महीने की शुरुआत 4 जून से हो रही है और यह 3 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान जो भी मुष्य भगवान श्रीहरि की पूजा सच्चे मन से करता है उसके दुख औप क्लेश दूर हो जाते हैं.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)