‘Adani की बहुत इज्जत करता हूं’, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम ने क्यों कही ये बात
गौतम अडानी और अडानी समूह पर इन दिनों संकट के बादल छाए हुए हैं. इस बीच उनके लिए एक हैप्पी मोमेंट आया है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट का कहना है कि उनकी बहुत इज्जत करते हैं. जानें क्या है पूरा मामला
उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) और अडानी ग्रुप (Adani Group) मौजूदा वक्त में एक बुरे दौर से गुजर रहे हैं. इस बीच उनके लिए एक खुशी का पल आया है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट (Tony Abbott) का कहना है कि गौतम अडानी और उनके समूह के लिए उनके मन में काफी अधिक सम्मान है. आखिर क्या है उनकी इस बात के मायने…
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप का बुरा वक्त शुरू हुआ है. समूह की कंपनियों के शेयर धराशायी हो चुके हैं, तो गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी जबरदस्त गिरावट आई है.
रेग्यूलेटर्स करेंगे अपना काम
अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों के जवाब में पूर्व पीएम टोनी एबॉट ने यहां पत्रकारों से कहा कि अडानी और उनके समूह के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है. उन पर लगे आरोपों की संबंधित रेग्युलेटर्स जांच करेंगे और अपना काम करेंगे.
कारमाइकल कोयला खदान परियोजना में अडानी समूह के निवेश पर उनका कहना है कि इन खदानों से उत्पादित कोयला निश्चित रूप से भारत में विद्युतीकरण को बढ़ावा देगा.उन्होंने कहा, ‘ मैं अडानी खदान के पक्ष में हूं. मैं अडानी और उनकी टीम को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भारतीयों को बिजली, ऑस्ट्रेलिया को रोजगार और समृद्धि देने के लिए बहुत कुछ किया है.’
की थी कोर्ट के फैसले की निंदा
पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट को ऑस्ट्रेलिया में अडानी ग्रुप का समर्थक माना जाता है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह को मिली कारमाइकल कोयला खदानों का भी समर्थन किया था. साल 2015 में जब ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने अडानी की कोयला खदान परियोजना के खिलाफ फैसला सुनाया था, तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में फैसले की निंदा की थी.
टोनी एबॉट ने कहा, ‘ जहां तक मेरा मानना है कि अडानी ऑस्ट्रेलिया का भला करने वाले शख्स हैं. मैं उनकी अर्श से फर्श तक पहुंचने और बड़ा विस्तृत बिजनेस एंपायर खड़ा करने की सफलता का कायल हूं.’
2019 में अडानी को मिला ठेका
साल 2015 में एक स्थानीय अदालत ने अडानी को कारमाइकल कोयला खदान परियोजना के लिए मिली पर्यावरण मंजूरी को खारिज कर दिया था. इसके बाद टोनी एबॉट ने सार्वजनिक तौर पर इसे ‘व्यापक दुनिया के लिए आघात’ बताया था. बाद में साल 2019 में अडानी समूह को कारमाइकल कोयला खदान परियोजना के लिए अंतिम अनुमति मिली थी.
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में अडानी समूह जिस कोयला खदान को विकसित कर रहा है, वह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक है. इस खदान से प्राप्त होने वाला कोयला भारत के पावर प्लांट को नियमित तौर पर सप्लाई किया जाता है.