अरबपति लोढ़ा भाइयों का एक-दूसरे के कारोबार पर अधिकार नहीं, विवाद पर बोले माता-पिता
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मंजू लोढ़ा के लिखे पत्र में कहा गया है कि अपने पति जो बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री हैं, के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है. पत्र में कहा गया है कि हमारे परिवार के भीतर अंतिम व्यवस्था 31 मार्च, 2017 को हमारे संशोधित पारिवारिक समझौते में दर्ज की गई थी.
रियल एस्टेट के दिग्गज अभिनंदन और अभिषेक लोढ़ा के माता-पिता मंगल प्रभात लोढ़ा और मंजू लोढ़ा ने फैसला किया है कि इन दोनों का एक-दूसरे के कारोबार में किसी भी तरह का कोई अधिकार नहीं है. विवादों में उलझे दोनों भाइयों को 21 फरवरी को लिखे एक पत्र में, जो गुरुवार को सार्वजनिक रूप से सामने आया, मंजू ने दोनों भाइयों को सभी विवादों को खत्म करने और एक-दूसरे का सम्मान करने का निर्देश दिया.
यह पत्र बंबई हाईकोर्ट द्वारा दोनों भाइयों को अपने मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का निर्देश देने के कुछ ही हफ्ते के भीतर आया है. अभिषेक जो समूह का प्रमुख रियल्टी कारोबार को संभालते हैं, ने अभिनंदन लोढ़ा को अपने किसी भी उद्यम में लोढ़ा नाम का उपयोग करने से रोकने के लिए अदालत का रुख किया था.
व्यवसाय, संपत्ति या शेयरहोल्डिंग में अधिकार नहीं
मंजू के लिखे पत्र में कहा गया है कि अपने पति जो बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री हैं, के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है. पत्र में कहा गया है कि हमारे परिवार के भीतर अंतिम व्यवस्था 31 मार्च, 2017 को हमारे संशोधित पारिवारिक समझौते में दर्ज की गई थी. हम पुष्टि करते हैं कि आप दोनों को दूसरे भाई के व्यवसाय या संपत्ति या शेयरहोल्डिंग में किसी भी तरह का कोई अधिकार नहीं है.
‘लोढ़ा’ ब्रांड को लेकर कानूनी लड़ाई
बता दें कि रियल एस्टेट अरबपति लोढ़ा बंधु ‘लोढ़ा’ ब्रांड को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. बड़े भाई अभिषेक लोढ़ा की अगुवाई वाली बीएसई-लिस्टेड मैक्रोटेक डेवलपर्स ने बंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर छोटे भाई अभिनंदन लोढ़ा की संस्थाओं को अपने कारोबार के लिए ब्रांड नाम का उपयोग करने से रोकने की मांग की है.
साख और प्रतिष्ठा हासिल
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई मंगलवार को करेगा. अपनी याचिका में मैक्रोटेक डेवलपर्स ने कहा कि ‘लोढ़ा’ ब्रांड ने महत्वपूर्ण साख और प्रतिष्ठा हासिल की है, जैसा कि इस तथ्य से स्पष्ट है कि वित्त वर्ष 2014 और वित्त वर्ष 2024 के बीच, कंपनी ने ‘लोढ़ा’ ब्रांड के तहत 91,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार किया. इसने विज्ञापनों और मार्केटिंग पर 1,700 करोड़ रुपए खर्च किए. इसने 1980 के दशक की शुरुआत से इसके पूर्व अपनाने और उपयोग के कारण ‘लोढ़ा’ नाम और चिह्नों पर सामान्य कानूनी अधिकारों का भी दावा किया.