बीजेपी और RLD गठबंधन की बात अंतिम दौर में, सामने आया नया फॉर्मूला

बीजेपी और RLD गठबंधन की बात अंतिम दौर में, सामने आया नया फॉर्मूला

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को गठबंधन पर बातचीत अंतिम चरण में हैं. आरएलडी ने 4 लोकसभा सीटें मांगी है, जबकि बीजेपी ने दो सीट का ऑफर दिया है. ऐसी संभावना है कि आरएलडी को 2 लोकसभा और 1 राज्यसभा सीट मिल सकती है.

उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव मेंआरएलडी और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. आरएलडी ने 4 लोकसभा सीटें मांगी है, जबकि बीजेपी ने दो सीट का ऑफर दिया है. इसके पीछे बीजेपी का तर्क है कि 2019 में आरएलडी ने सपा-बीएसपी गठबंधन में सिर्फ तीन सीटें लोकसभा में लड़ी थी, जिसमें मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर शामिल हैं. 2+ 1 पर बात बन सकती है. संभावना है कि आरएलडी को 2 लोकसभा और 1 राज्यसभा सीट मिल सकती है.

बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और किसानों के बीच समर्थन है. जयंत चौधरी को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से बाहर किया जा सके. इसके लिए बीजेपी पुरजोर कोशिश कर रही है और ऐसा माना जा रहा है कि उनकी बातचीत अंतिम दौर में हैं.

आरएलडी और समाजवादी पार्टी लंबे समय से सहयोगी हैं. इंडिया गठबंधन के सदस्य भी हैं. अब बीजेपी ने आरएलडी में एनडीए में शामिल करने की कवायद शुरू कर दी है.

भाजपा और आरएलडी के बीच बातचीत अंतिम दौर में

सूत्रों ने कहा कि भाजपा ने आरएलडी को दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट की पेशकश की है. अपुष्ट रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि आरएलडी कम से कम तीन और लोकसभा सीटों की मांग कर रही है.

सूत्रों का कहना है कि आरएलडी पूर्व प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की मांग कर रही है, जिनके बेटे ने 1996 में अपने पिता की जनता दल से अलग होने के बाद पार्टी की स्थापना की थी. जयंत चौधरी राज्यसभा के सांसद हैं और चरण सिंह के पोते हैं.

पश्चिम यूपी की 29 सीटों पर नजर

यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं. किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक सीटें हैं और केंद्र में सरकार बनाने की उम्मीद रखने वाली किसी भी पार्टी (या गठबंधन) के लिए यह महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में 29 सीटों पर सभी पार्टियों की नजर है.

इस बीच, संभावित गठबंधनों पर विचार-विमर्श के बीच, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने आरएलडी की ‘इंडिया ब्लॉक’ के प्रति निष्ठा पर विश्वास व्यक्त किया. अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव दोनों ने गठबंधन के प्रति जयंत चौधरी की प्रतिबद्धता में अपना विश्वास दोहराया और उनके सहयोगात्मक प्रयासों में निरंतरता पर जोर दिया.