गिरते रहे विकेट, जमे रहे पुजारा…अकेले मारे टीम के आधे रन, आज भी करते हैं सलाम
करीब पांच साल पहले विदेशी जमीन पर फंसी टीम इंडिया को कुछ वक्त के लिए मुश्किल हालात से बाहर निकालने में पुजारा की इस बेहतरीन पारी सबसे अहम साबित हुई थी.
तारीख 31 अगस्त थी और टेस्ट मैच का दूसरा दिन था. भारतीय टीम पहले दिन के अंत में अपनी बैटिंग शुरू करने के बाद दूसरे दिन पारी को आगे बढ़ाने उतरी. उम्मीद थी कि टीम इंडिया गेंदबाजी में मिली अच्छी शुरुआत के बाद बल्लेबाजी में अपना दम दिखाएगी लेकिन एक बार विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ, तो बस चलता ही गया. केएल राहुल, शिखर धवन, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या के रूप में एक-एक कर भारत के प्रमुख बल्लेबाज पवेलियन लौट गए लेकिन एक बल्लेबाज डटा रहा, जमा रहा और हार नहीं मानी. इस्पात से मजबूत इरादे, हौसले और डिफेंस वाला ये बल्लेबाज था- चेतेश्वर पुजारा.
आज यानी शुक्रवार 17 फरवरी को चेतेश्वर पुजारा अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने जा रहे हैं. नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में वह ये उपलब्धि अपने नाम कर लेंगे. 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही डेब्यू करने वाले पुजारा ने एक लंबा सफर तय किया है और इस सफर में उन्होंने कई ऐसी पारियां खेलीं, जो भारतीय फैंस को याद रहेंगी. सिर्फ फैंस ही नहीं, बल्कि पुजारा के साथी खिलाड़ी भी जिन्हें याद रखते हैं.
शुरू से अंत तक डटे रहे पुजारा
ऐसी ही एक पारी पुजारा ने 31 अगस्त 2018 को साउथैंप्टन में इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी. आसमान में छाये हल्के बादलों के बीच इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजी की धज्जियां उड़ा दी थीं लेकिन पुजारा टिके रहे. सिर्फ आठवें ओवर में पहला विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी के लिए आए पुजारा बेबस होकर अपने सामने हर बल्लेबाज को आते और वापस जाते देखते रहे लेकिन इस बेबसी को उन्होंने अपनी बैटिंग पर हावी नहीं होने दिया और दिन के अंत तक डटे रहे, जब आखिरी बल्लेबाज के रूप में उनका विकेट गिरा.
भारतीय टीम ने इस पारी में सिर्फ 273 रन बनाए, जिसके करीब आधे रन तो पुजारा ने ही बनाए. उन्होंने 132 रन की जोरदार पारी खेलकर टीम को इस स्कोर तक पहुंचाया. उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं बना सका था. ये पुजारा के करियर का 15वां शतक था.
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