छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बदले दो योजनाओं के नाम, राजीव गांधी का नाम हटाया

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बदले दो योजनाओं के नाम, राजीव गांधी का नाम हटाया

छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ने दो योजनाओं के नाम बदल दिए हैं. इन योजनाओं के नाम पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर रखे गए थे, लेकिन बीजेपी सरकार ने इन योजनाओं के नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिए हैं. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इन योजनाओं के नाम पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही थे लेकिन साल 2019 में कांग्रेस ने इन स्कीम के नाम बदले थे.

छत्तीसगढ़ में योजनाओं के नाम को लेकर सियासत छिड़ गई है, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने खड़े हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम वाली दो योजनाओं के नाम बदल दिए हैं. बीजेपी के इस कदम पर कांग्रेस भड़क गई है. कांग्रेस ने कहा, बीजेपी सरकार के पास कोई नई योजना नहीं है, इसलिए पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदल रही है.

राज्य में दो योजनाओं के नाम राजीव गांधी के नाम से बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाएंगे इसको लेकर आदेश 18 सितंबर को जारी किया गया था, साथ ही 30 सितंबर को सरकारी वेबसाइट पर अपलोड भी किया गया था.

किन योजनाओं के बदले गए नाम

अधिकारियों ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम बदल दिया गया है और इसको पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना कर दिया गया है. वहीं, राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना कर दिया गया है.

कांग्रेस ने 2019 में बदले थे नाम

अधिकारियों ने बताया कि दोनों योजनाओं का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर पहले से ही था, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से बदलकर साल 2019 में इन योजनाओं को राजीव गांधी के नाम पर रख दिया था. राज्य के उप मुख्यमंत्री अरुण साय ने कहा कि पहले यह योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर थीं और अब इनका नाम फिर से उनके नाम पर कर दिया गया है.

नाम बदलने पर कांग्रेस भड़की

बीजेपी के इस कदम पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस जमकर आलोचना कर रही है. प्रदेश कांग्रेस संचार विंग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा, बीजेपी सरकार के पास कोई नई योजना नहीं है, इसलिए वह भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदल रही है.