फडणवीस और शिंदे को गलत केस में फंसाने की साजिश, SIT ने विधायक प्रवीण दरेकर का दर्ज किया बयान

विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन 2024 में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने विधान परिषद में "पॉइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन" के तहत सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्मंत्री एकनाथ शिंदे को गलत केस में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच कर एसआईटी ने गुरुवार को प्रवीण दरेकर से पूछताछ की.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को साल 2020 से 2022 के बीच गलत और झूठे केस में फंसाने की एक बड़ी साजिश के मामले की जांच में एसआईटी जुटी है. गुरुवार को इस केस में शिकायतकर्ता भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर का बयान स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने दर्ज किया है.
विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन 2024 में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने विधान परिषद में “पॉइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन” के तहत मामला उठाया था.
उसके बाद इस मामले की जांच के लिए ठाणे नगर पुलिस थाने में 742/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में एफआईआर के तहत जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक जांच कमिटी याने स्पेशल इंवेस्टिशन टीम का गठन किया था.
ये भी पढ़ें
साजिश के मामले में एसआईटी कर रही है जांच
ये एसआईटी उन तमाम पहलुओं पर जांच कर इस मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज कर रही है और जांच के बाद अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार गृह मंत्रालय को सौंपेगी. इस मामले में अभी कई अहम लोगों के बयान दर्ज होने हैं, जिसमे तत्कालीन कुछ पुलिस के बड़े अधिकारी, नेता और अन्य लोग शामिल हैं.
गुरुवार को इस केस में प्रवीण दरेकर का बयान एसआईटी ने दर्ज किया है. एसआईटी की पूछताछ पर प्रवीण दरेकर ने कहा कि देखिए मैं आपको तफशील से जानकारी नही दे सकता, लेकिन सब जानकारी और कागजात, जो मेरे पास थे और पेन ड्राइव वो सब मैंने एसआईटी के साथ शेयर किया है. मैं बाहर बयान देकर जांच को प्रभावित नही कर सकता हूं.
एसआईटी ने प्रवीण दरेकर का बयान किया दर्ज
एसआईटी जांच पर प्रवीण दरेकर ने कहा कि इतनी बड़ी कार्यवाई ये कोई अधिकारी खुद से कॉल नही ले सकता. देवेंद्र फडणवीस राज्य के सीएम थे, जब उनके खिलाफ साजिश रची गई थी और एकनाथ शिंदे नगरविकास मंत्री थे. इन्हें गलत केस में फंसाने की साजिश रची गई थी. इसकी जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे कौन था? ये कोई आईपीएस नही कर सकता, मंत्री नही कर सकता. मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना ये जांच नहीं हो सकती है.