बेटे को बचाने में पाकिस्तानी खिलाड़ी ने गंवाई जान, इटली में डूबे शरणार्थियों की नाव में थी सवार

बेटे को बचाने में पाकिस्तानी खिलाड़ी ने गंवाई जान, इटली में डूबे शरणार्थियों की नाव में थी सवार

शाहिदा अपने बेटे को छोड़कर काम की तलाश में विदेश नहीं जाना चाहती थी, लेकिन अपने आर्थिक संकट और बेटे की बीमारी के कारण उसे जाना पड़ा.

इटली के दक्षिणी तट के निकट प्रवासियों को ले जा रही नाव डूबने की घटना में मारे गए लोगों में पाकिस्तान की महिला हॉकी प्लेयर शाहिदा रजा का नाम भी शामिल है. वो हजारा समुदाय से आती है. वो पाकिस्तान के मरियाबाद के मध्य में एक भीड़भाड़ वाला इलाका में रहती थी. उनके छोटे से किराए के घर में उनके साथ मां और तीन बहनें रहती थी. उनकी मौत की खबर ने उस छोटे से घर में मातम फैला दिया है. जहां उसका कमरा पदकों, तस्वीरों से सजा हुआ है और राष्ट्रीय हॉकी टीम का उसका ‘हरा कोट’ अभी भी उनकी उपस्थिति की गवाही दे रहा है.

शाहिदा की मौत के बाद से उनकी सहेली सुमिया सहित घर में हर कोई रो रहा है. मीडिया से बात करते हुए उनकी सहेली ने कहा कि वो शाहिदा के साथ बिताए समय को याद कर रही है.उनके बगल में शाहिदा की बहन हैं, जो अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं. सुमिया ने कहा, “शहिदा ने चार साल से अधिक समय तक वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के इलाज के लिए पैसे कमाने के लिए पाकिस्तान को छोड़ना पड़ा.

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शहिदा का तीन साल का बेटा जन्म से लकवाग्रस्त है

उन्होंने बताया कि वो अपने बेटे के इलाज हर बड़े अस्पताल ले गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. शहिदा का तीन साल का बेटा जन्म से लकवाग्रस्त है.तीन साल की मासूम न तो चल सकता है और न ही बोल सकती है, हॉकी के अलावा, शाहिदा पेशेवर फुटबॉल भी खेलती थीं, लेकिन विभागीय खेलों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने उन्हें बेरोजगार कर दिया.

सुम्मिया ने आगे बताया कि वापडा में उसकी नौकरी चली गई. और बाद में वह पाकिस्तानी सेना की टीम में शामिल हो गई. लेकिन उसने वह नौकरी भी खो दी, जिससे वह बुरी तरह परेशान थी. हर मायूस खिलाड़ी की तरह शाहिदा ने भी हर दरवाजे पर दस्तक दी और कई सरकारी और निजी संस्थानों को कई आवेदन भेजे, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया.

कुछ महीने पहले शाहिदा ने इटली जाने का मनाया था प्लान

शाहिदा अपने बेटे को छोड़कर काम की तलाश में विदेश नहीं जाना चाहती थी, लेकिन अपने आर्थिक संकट और बेटे की बीमारी के कारण उसे जाना पड़ा. सुमिया के अनुसार, लड़के के जन्म के बाद उनका उनके पति से तलाक हो गया था. सुम्मिया ने कहा कि कुछ महीने पहले शाहिदा रजा ने इटली या ऑस्ट्रेलिया जाने का अपना प्लान शेयर किया था.चार महीने पहले, वह इटली या ऑस्ट्रेलिया के रास्ते में ईरान के लिए क्वेटा से निकली थी. ईरान और तुर्की में रहने के दौरान शाहिदा रज़ा के संपर्क में थी.

‘वो एक एक ताबूत में वापस आएगी’

उन्होंने बताया कि शाहिदा से आखिरी बार बात 26 फरवरी को हुई थी. ब शाहिदा एक नाव में यात्रा कर रही थी. हालांकि उनकी बहनें और मां शाहिदा के बारे में बात करने की हालत में नहीं थीं, लेकिन वे बेसब्री से उनके शरीर की वापसी का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने कहा, “हमारा एक रिश्तेदार इटली पहुंचा और शाहिदा का शव सौंपने के लिए संबंधित पाकिस्तानी और इतालवी अधिकारियों से बातचीत कर रहा है. सुम्मिया ने आगे कहा कि वह अकेले एक अवैध अप्रवासी के रूप में गई थी और वापस एक ताबूत में वापस आएगी.

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