न तालियां, न जश्न… 278 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकला शख्स, अबतक 45 हजार मौतें
तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के 13 दिन बीत चुके हैं. अब भी लाशों का मिलना जारी है. इसी के साथ रेस्क्यू टीम जिंदगी की तलाश में जुटी हुई है. 278 घंटे बाद एक शक्स मलबे से जिंदा बाहर आया है.
6 फरवरी, सुबह के 4 बजकर 20 मिनट. तुर्की-सीरिया में विनाशकारी भूकंप ऐसी दस्तक देता है कि आज 13 दिन बीत जाने के बाद भी तबाही का मंजर जस का तस. मलबे से लाशें बाहर आ रही हैं. रेस्क्यू टीम दिन-रात लोगों की खोज कर रही है. हर एक सांस को बचाने के लिए घंटों ऑपरेशन किया जाता है और जब वो जिंदा बाहर आ जाता है तो रेस्क्यू टीम जश्न मनाती है. उनके पास मुस्कराने का सिर्फ एक ही पल मिलता है. रेस्क्यू टीमों ने भूकंप के हफ्तेभर बाद भी जिंदा लोगों को मलबे से बाहर निकाला है.
तुर्की के बचावकर्मियों ने विनाशकारी भूकंप के करीब 12 दिन बाद शुक्रवार को 45 वर्षीय एक व्यक्ति को मलबे से निकाला. पहले तो भूकंप ने तबाही मचा दी थी. इसके बाद बारिश और बर्फबारी के कारण बचावकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. ठंड के मौसम में मलबे के नीचे इतने लंबे समय तक फंसे रहने के बावजूद टीमें जीवित बचे लोगों को ढूंढ रही हैं. सीरियाई सीमा के पास एक दक्षिणी प्रांत हाटे में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के 278 घंटों के बाद हकन यासिनोग्लू नाम के व्यक्ति को बचाया गया था. सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरों में बचावकर्मी सावधानी से एक व्यक्ति के साथ एक चपटी इमारत के खंडहरों के बीच एक स्ट्रेचर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
रेस्क्यू टीम में हताशा
गिरने से बचने के लिए उसे स्ट्रेचर से बांध दिया गया और सुनहरे रंग की थर्मल जैकेट से ढक दिया गया. उसे तुरंत एंबुलेंस में रखा गया और ले जाया गया. उसका चेहरा नहीं देखा जा सकता था. लेकिन यहां पर कुछ फर्क दिख रहा था. रेस्क्यू टीम मेंबर्स जैसे ही किसी जिंदा व्यक्ति को बाहर निकालते थे तो वो ताली बजाते थे, जश्न मनाते थे लेकिन जब इस व्यक्ति को जिंदा निकाला गया तो वो बहुत ज्याद खुश नहीं लग रहे थे.
हजारों की मौत, लाखों बेघर
गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के तीन अन्य लोगों को बचाया गया, जिसमें एक 14 वर्षीय लड़का भी शामिल है. कुछ जगहों पर चौबीसों घंटे तलाश जारी है. तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में 200 से कम जगहों पर बचाव कार्य जारी है. भूकंप ने तुर्की, सीरिया में 45,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है. हजारों अन्य घायल हो गए हैं. ठंड के मौसम में लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. वो कैंपों में रहने को मजबूर हैं. तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि तीन प्रांतों अदाना, किलिस और सानलिउर्फा में बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है.