Ghazipur: 250 भवन जर्जर, 194 के ऊपर से गुजर रहा हाईटेंशन तार… सरकारी स्कूल में बच्चे कैसे रहेंगे सुरक्षित?

Ghazipur: 250 भवन जर्जर, 194 के ऊपर से गुजर रहा हाईटेंशन तार… सरकारी स्कूल में बच्चे कैसे रहेंगे सुरक्षित?

गाजीपुर जिले के परिषदीय स्कूल की हालात जर्जर हो गई है. जिले के लगभग 250 स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. वहीं, लगभग 194 ऐसे स्कूलों की पहचान की गई है, जिनके ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहा है. इन सभी बातों की जानकारी किसी और ने नहीं दी, बल्कि विभागीय जांच में सामने आई है.

उत्तर प्रदेश सरकार के गाजीपुर जिले के परिषदीय स्कूलों की हालात जर्जर हो चुकी है. सरकार हर साल इन स्कूलों को मरम्मत के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च करती है, लेकिन फिर भी इन स्कूलों की स्थिति जर्जर बनी हुई है. इन स्कूलों में अनेकों समस्याएं हैं. इस बात का पता कहीं और से नहीं बल्कि सरकार की विभागीय जांच में सामने आया है. विभागीय जांच में सामने आया है कि जिले के सैकड़ों स्कूल जर्जर हो चुके हैं. इतनी ही नहीं बहुत से स्कूलों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन का तार भी गुजर रहा है, जिसकी वजह से छात्र रोजाना जान हथेली पर रखकर स्कूल आने को मजबूर हैं.

गाजीपुर के स्कूलों की स्थिति की बात करें तो जिले में करीब 2,269 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें तीन लाख छात्र पढ़ते हैं. इसके बावजूद जिले के स्कूलों की हालत जर्जर बनी हुई हैं. इस बात की जानकारी विभागीय जांच में सामने आई. विभागीय जांच में सामने आया कि जिले के 2,269 परिषदीय स्कूलों में से 250 स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इतने जर्जर हो चुके हैं कि यह बच्चों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं.

194 स्कूलों के ऊपर से गुजर रहा हाईटेंशन तार

विभागीय जांच के बाद ऐसे स्कूलों की पहचान करके शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा लाल रंग लगा दिया गया है. इतना ही नहीं करीब 194 ऐसे स्कूलों की पहचान की गई है, जिसके ऊपर से हाईटेंशन लाइन तार गुजर रहा है, जिसमें कंपोजिट स्कूल ढेलवा के ऊपर 1,33,000 वोल्ट की लाइन, उच्चतर प्राथमिक स्कूल अंधऊ के ऊपर 65,000 वोल्ट की लाइन, प्राथमिक स्कूल सरवर नगर के ऊपर 44,000 वोल्ट की लाइन गुजर रही है, लेकिन यह सब यहीं तक सीमित नहीं है.

जिले के आठ स्कूल ऐसे भी हैं, जिनके ऊपर से 33,000 वोल्ट की लाइन गुजर रही है. वहीं 116 स्कूल ऐसे हैं, जिनके ऊपर से 1,10,000 वोल्ट की लाइन गुजर रही है. बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि विभाग के द्वारा सुरक्षा सप्ताह चलाया गया था. इस सप्ताह के अंतर्गत सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके क्षेत्र के अंदर आने वाले स्कूलों के आकलन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. विशेष तौर पर ऐसे स्कूलों के आकलन की जिम्मेदारी सौपी गई थी, जो नदी और तालाब के किनारे हैं.

हाईटेंशन तार गिरने से छात्रा की मौत

इसी के साथ अधिकारियों को स्कूलों की जर्जर स्थिति जांचने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कितने स्कूलों के ऊपर से हाईटेंशन तार निकल रहे हैं. इसका आंकड़ा जमा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि कुछ दिनों पहले नगसर इलाके के परिषदीय स्कूल में एक छात्रा के ऊपर हाईटेंशन तार गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इससे लोगों ने काफी हंगामा भी किया था. इसी को देखते हुए मंगलवार को CDO (मुख्य विकास अधिकारी) की अध्यक्षता में एक मीटिंग आयोजित की गई थी, जिसमें सभी स्कूलों के ऊपर से बिजली के तार हटाने के लिए बिजली विभाग से एस्टीमेट मांगा गया.