Rakshabandhan 2024: अब भाइयों की कलाई नहीं रहेगी सूनी! बहनों ने बनाई खास सैटेलाइट राखी, इमरजेंसी में भी करेगी मदद
छात्राओं ने बताया कि सैटेलाइट राखी में हम 2 नंबर सेट कर सकतें हैं. इसमें हमने दो सेंसर लगाये हैं जो दुर्घटना के वक्त गिरते ही एक्टिवेट हो जाते हैं या इमरजेंसी परिस्थिति मे इसमें लगे बटन को प्रेस कर इमरजेंसी नंबर पर सूचना भेजी जा सकती हैं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रक्षाबंधन के लिए बहनों ने भाइयों की रक्षा के लिए खास राखी तैयार की है. आईटीएम गीडा की छात्राओं ने एक राखी बनाई है जो उनके भाइयों को इमरजेंसी में सुरक्षा देगी. छात्राओं ने इस सैटेलाइट रुद्राक्ष राखी को अपने भाइयों के लिए बनाया है. यह राखी कलाई पर बांधते ही एक्टिव हो जाती है और मुसीबत में उनकी सहायता भी करती हैं. इस राखी को छात्राओं ने सेटेलाइट रुद्राक्ष राखी का नाम दिया. राखी में छात्राओं ने एक सैटेलाइट रेडियो सिग्नल चिप लगाया हैं. जिसके माध्यम से मुसीबत में बिना मोबाइल फोन के इमरजेंसी नम्बरों पर संपर्क कर कॉल लोकेशन भेजा जा सकता हैं.
रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी ताउम्र रक्षा का वचन देता हैं. गोरखपुर में आईटीएम गीडा की बीसीए सेकेण्ड ईयर मे पढ़ने वाली छात्राओं ने एक अनोखी राखी तैयार की है. ये राखी भाइयों की कलाई पर सजने के साथ-साथ उनकी रक्षा भी करेगी. इस रक्षाबंधन पर बीसीए सेकंड ईयर की पांच छात्रों ने मिलकर एक ऐसी सेटेलाइट राखी बनाई हैं जो भाइयों के कलाई पर बांधते ही एक्टिव हों जाएगी और मुसीबत मे उनकी सहायता भी करेगी.
दुर्घटना के दौरान भी करेगी मदद
छात्राओं ने बताया कि प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोगों की जान चली जाती हैं. इनमें ज्यादातर घायल लोंगो की मौतें समय सें हॉस्पिटल ना पहुंचने की वजह सें हों जाती हैं. इसी को ध्यान मे रखते हुए हमने इस राखी को बनाया हैं. ये राखी भाई के कलाई की सोभा बढ़ाने के साथ सड़क दुर्घटना में मदद करेगा. इस सेटेलाइट राखी में हम 2 नंबर सेट कर सकतें हैं.
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सैटेलाइट राखी में क्या खास?
बीसीए की छात्राओं ने बताया कि सैटेलाइट राखी में हम 2 नंबर सेट कर सकतें हैं. इसमें हमने दो सेंसर लगाये हैं जो दुर्घटना के वक्त गिरते ही एक्टिवेट हो जाते हैं या इमरजेंसी परिस्थिति मे इसमें लगे बटन को प्रेस कर इमरजेंसी नंबर पर सूचना भेजी जा सकती हैं. छात्राओं ने बताया कि रुद्राक्ष राखी की सबसे बड़ी बात ये है कि एक बार चार्ज करने पर 5-6 महीने तक इसे चार्ज करने की जरुरत नहीं होगी. छात्राओं ने बताया की इस राखी को बनाने में दो हजार रुपये का खर्च आया हैं. और इसे तैयार करने में दो हफ्ते का समय लगा है. राखी को बनाने में हमने रेडिओ सिग्नल चिप, कॉइन सेल 3 वोल्ट, ऑटोमेटिक सेंसर स्विच, सिग्नल रिसीवर इत्यादि का इस्तेमाल किया हैं .
क्या बोले ITM के डायरेक्टर?
संस्थान के निदेशक डॉ0 एन के सिंह ने बताया, हमारे कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में छात्र एवं छात्राएं लगातार देश व समाज हित में कुछ ना कुछ नया करते हैं. इस बार छात्राओं ने रक्षाबंधन को ध्यान मे रखते हुए भाइयों की रक्षा के लिए एक सेटेलाइट रुद्राक्ष राखी बनाई हैं जो सड़क दुर्घटना या इमरजेंसी परिस्थिति मे अपनों तक सूचना पहुंचाने का काम करती है. उन्होंने बताया कि छात्राओं ने जो राखी तैयार की है. वह बहुत ही कारगर साबित होगी. उन्होंने बताया कि हमारा संस्थान छात्र-छात्राओं की हर संभव मदद करता है जिससे उनके बनाए गए प्रोजेक्ट को बाजार में लाया जा सके.