‘आखिरी दिन आओगे तो मैं क्या कर सकता हूं’…हिजाब पर Urgent सुनवाई से SC का इनकार
कर्नाटक हिजाबा मामले में तत्काल सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकारा दिया है. सुप्रीम कोर्ट से छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हिजाब मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट होली बाद इस मामले में बेंच की गठन करेगा. दरअसल याचिकाकर्ता शरीयत कमेटी की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने परीक्षा का हवाला देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा की इजाजत दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि कर्नाटक में 9 मार्च से परीक्षा शुरू होनी है इसलिए छात्रों को हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए इस मसले पर तत्काल सुनवाई की जाए. छात्राओं को एक साल पहेल ही बर्बाद हो गया है. इस मामले में सिर्फ अंतरिम राहत पर विचार किया जाए. सीजेआई ने कहा कि अगर आप आखिरी दिन आएंगे तो मैं क्या कर सकता हूं.
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2022 में कोर्ट ने बंटा हुआ फैसला दिया था
दरअसल, अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने बंटा हुआ फैसला सुनाया था. दोनों जजों की राय अलग होने के बाद मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया था. फैसले के बाद से अभी तक इस मुद्दे की सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन नहीं किया गया है. होली की छुट्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का कामकाज आज से बंद हो जाएगा और फिर 13 मार्च को खुलेगा.
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‘मैं आपके सवालों का जवाब नहीं दे सकता’
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई ने कहा, मामले की सुनवाई के लिए मैं एक बेंच बनाउंगा. मैं मामले को होली की छुट्टी के तत्काल बाद सूचीबंद्ध करूंगा. इसके बाद जब वकील ने छात्राओं की परीक्षा के बारे में सवाल किया तो सीजेआई ने कहा मैं आपके सवालों को जवाब नहीं दे सकता. वकील ने कहा कि छात्राओं को एक साल पहले ही बर्बाद हो चुका है और अब दूसरा साल भी बर्बाद हो जाएगा.