Holi 2023: किसे और क्यों नहीं देखना चाहिए होलिका दहन, जानें इससे जुड़ी 5 बड़ी मान्यताएं
Holi 2023: अगर आप पहली बार होलिका दहन की पूजा करने जा रहे हैं या फिर आपकी हाल ही में शादी हुई है तो आपको इस साल होली से पहली की जाने वाली होलिका की पूजा से जुड़े ये 5 जरूरी नियम जरूर जान लेना चाहिए.
Holi 2023: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर जलाई जाने वाली होलिका की पूजा एवं दहन का न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी होता है. पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन 07 मार्च 2023, मंगलवार को सायंकाल 06:24 से रात्रि 08:51 बजे की बीच शुभ मुहूर्त में किया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस होलिका दहन की पूजा, उसकी अग्नि और राख का संबंध तमाम तरह की मुसीबतों को दूर करने और सुख-सौभाग्य को पाने का माध्यम माना गया है, उसी होलिका की पूजा और उसे देखने को लेकर भी कुछ विशेष हिदायत भी दी गई है. आइए जानते हैं कि होली से पहले की जाने वाली होलिका दहन की पूजा किन लोगों को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए.
1. ऐसी महिला को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन
हिंदू मान्यता के अनुसार जिन कन्याओं की नई शादी हुई हो, उन्हें विवाह के बाद पहली होली पर भूलकर भी होलिका दहन की न तो पूजा करना चाहिए और न ही उसे जलते हुए देखना चाहिए. मान्यता है कि जलती हुई होलिका को देखने पर उसे दोष लगता है और उसके सुख-सौभाग्य में कमी आने की आशंका बनी रहती है. हिंदू मान्यता के अनुसार किसी नवविवाहिता द्वारा होलिका दहन देखने पर उसकी सुखद कामनाएं भी उसी होलिका की आग में जल जलकर राख हो जाती हैं.
2. सास-बहू को एक साथ नहीं करनी चाहिए होलिका पूजन
हिंदू मान्यता के अनुसार भूलकर भी बहू को सास के साथ होलिका दहन की पूजा करने नहीं जाना चाहिए. सास-बहू का एक साथ होलिका को देखना और एक साथ पूजा करने को बड़ा दोष माना गया है. मान्यता इस नियम की अनदेखी करने वालों के यहां सास और बहू के रिश्ते में खटास आती है और उनका आपसी प्रेम और सामंजस्य कम हो जाता है.
3. गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं शुभ माना जाता होलिका दहन
सनातन परंपरा में गर्भवती महिलाओं के लिए पूजा-पाठ से जुड़े हुए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करने पर उसे स्वस्थ और सुंदर संतान की प्राप्ति होती है, जबकि उन नियमों की अनदेखी करने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. होलिका दहन को लेकर भी गर्भवती महिलाओं के नियम बनाए गए हैं, जिसके अनुसार न तो उन्हें होलिका दहन की पूजा और न उसे जलते हुए देखना चाहिए. मान्यता है कि होलिका दहन से लगने वाले दोष का गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.
4. नवजात बच्चे को लेकर भूलकर भी न करें होलिका की पूजा
होली से पहले किए जाने वाले होलिका दहन को देखना और पूजा करना भले शुभ माना जाता हो लेकिन नवजात शिशु के लिए यह बड़े दोष का कारण बनता है. मान्यता है कि जिस जगह पर होलिका दहन होता है, वहां पर नकारात्मक शक्तियों का खतरा बना रहता है. ऐसे में नवजात शिशु को होलिका दहन वाली जगह पर भूलकर भी नहीं ले जाना चाहिए.
5. इकलौती संतान वाले व्यक्ति को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन
हिंदू परंपरा के अनुसार जिन लोगों की इकलौती संतान होती है, उन्हें होलिका दहन नहीं देखना चाहिए और न ही उसकी पूजा करने जाना चाहिए. उनकी जगह उस घर से जुड़े किसी बड़े बुजुर्ग को जाकर इसकी पूजा और पंरपरा निभानी चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)