वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी हिंसा पर लगाम, अमित शाह ने कहा- चार दशकों में पहली बार कम मौतें
कंसल्टेटिव कमिटी की बैठक में अमित शाह ने बताया कि गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवादियों की वित्तीय चोकिंग (Financial Choking) कर इनके इकोसिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त करने का काम कर रहा है.
वामपंथी उग्रवाद पर केंद्रित बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 4 दशकों मे पहली बार 2022 में नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 100 से कम रह गई है, जो एक बड़ी सफलता है. मंगलवार को गृहमंत्रालय की कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में कमेटी के सभी सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे और वामपंथी उग्रवाद से लड़ने के केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की.
इस दौरान अमित शाह ने कमेटी के सदस्यों को जानकारी दी कि गृह मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए जो नीति बनाई है उसके तीन प्रमुख स्तम्भ हैं- उग्रवादी हिंसा पर Ruthless Approach के साथ लगाम कसना, केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय और विकास से जन-भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के प्रति समर्थन खत्म करना.
वामपंथी उग्रवाद पर लगाम
इस त्रि-सूत्रीय रणनीति से पिछले आठ सालों में वामपंथी उग्रवाद पर लगाम कसने में ऐतिहासिक सफलता मिली है, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं में वर्ष 2010 के उच्च स्तर से 2022 में 76% की कमी आई है. बैठक में गृहमंत्री ने कहा वामपंथी उग्रवादी घटनाओं में जान गवांने वाले नागरिकों तथा सुरक्षाकर्मियों की संख्या वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से 90% घटकर 2022 में 98 रह गई है।
सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों की संख्या 90 से घटकर 45 रह गई है. वर्ष 2019 से अबतक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में 175 नए कैंप स्थापित कर सुरक्षा वैक्यूम को कम करने और टॉप लीडरशिप को निष्क्रिय करके वामपंथी उग्रवाद की रीढ़ तोड़ने में सुरक्षाबलों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. इन प्रयासों के चलते बूढ़ा पहाड़ और चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ सफलता मिली है और बिहार, झारखण्ड तथा उड़ीसा को वामपंथी उग्रवाद से लगभग मुक्त करा लिया गया है.
इकोसिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त करने का काम
कंसल्टेटिव कमिटी की बैठक में अमित शाह ने बताया कि गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवादियों की वित्तीय चोकिंग (Financial Choking) कर इनके इकोसिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त करने का काम कर रहा है. गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नक्सलवाद पर नकेल कसने के साथ-साथ नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास पर भी केंद्र सरकार का जोर है. इस क्रम में सड़कों का जाल भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में करीब 17462 किलोमीटर सड़क बनाने की स्वीकृति दी गई. इसमें से 11811 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है.
नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में शिक्षा का प्रसार
नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में शिक्षा के प्रसार को भी बढ़ावा केंद्र सरकार ने दिया है इसके लिए एकलव्य विद्यालयों को खोला गया है। 90 जिलों में 245 को स्वीकृति दी गई जिसमें से 121 एकलव्य विद्यालय खोला जा चुका है. नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों में बैंकों और एटीएम का जाल बुना गया है. पिछले 8 सालों में 1258 बैंक खोले गए हैं जबकि करीब 1348 एटीएम खोले गए हैं.
कम्युनिकेशन बेहतर करने का प्रयास
यही नहीं नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में कम्युनिकेशन बेहतर करने का प्रयास भी हुआ है. नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में कुल 4903 पोस्ट ऑफिस खोले गए हैं. इनमें से करीब 3114 पोस्ट ऑफिस तो विगत 1 साल में ही खोले गए हैं. संसद की गृहमंत्रालय पर कंसलटेटिव कमिटी के कुल 25 सांसद हैं. इसमें से 13 लोकसभा के और 12 राज्य सभा के सांसद सदस्य हैं. देर शाम हुई बैठक में विपक्षी दलों से समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, बीएसपी के कुंवर दानिश अली, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, डीएमके के टी आर बालू शामिल थे.