भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने कैसे बचाई 15 भारतीयों की जान? जहाज को ऐसे कराया रिहा

भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने कैसे बचाई 15 भारतीयों की जान? जहाज को ऐसे कराया रिहा

भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने सोमालिया तट पर फंसे जहाज पर सवार 15 भारतीय समेत सभी 21 सदस्यों की जान बचा ली. जानिए भारतीय नौसेना के इस कमांडो ने इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया और समुद्री लुटेरों से चंगुल से सभी लोगों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला? नौसेना ने इसके वीडियोज जारी किए हैं.

भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने शुक्रवार को अरब सागर में सोमालिया तट के करीब फंसे एमवी लीला नॉरफॉक जहाज को रिहा करा लिया. इस जहाज पर 21 लोग सवार थे. इसमें 15 भारतीय थे. मार्कोस कमांडो ने सभी लोगों की जान बचा ली. समुद्री लुटेरों के चंगुल से सभी 21 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. लाइबेरियाई झंडे वाला जहाज ब्राजील से बहरीन जा रहा था.

इस जहाज को सोमालिया तट से करीब 300 मील दूर अगवा कर लिया गया. मगर जब भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो जहाज को छुड़ाने पहुंचे तो जहाज पर कोई भी नहीं था. नौसेना ने बताया कि हो सकता है कि मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट से मिली चेतावनी के बाद समुद्री लुटेरे अपनी प्लानिंग छोड़ दी हो. ऐसे में आइए जानते हैं मार्कोस कमांडो ने इस जहाज पर सवार 21 लोगों की जान कैसे बचाई?

कब आई जहाज के अगवा कर लेने की सूचना?

बता दें कि गुरुवार यानी 4 जनवरी को जहाज के अगवा कर लेने की खबर सामने आई. लाइबेरियाई झंडे वाला यह जहाज ब्राजील से बहरीन जा रहा था. जहाज के अगवा कर लेने की खबर पहले यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स पोर्टल (UKMTO) पर भेजी गई. इसमें कहा गया कि पांच से छह हथियारबंद लोग जहाज पर चढ़ गए हैं. इसके बाद ये खबर फिर भारतीय नौसेना को दी गई.

भारतीय नौसेना ने तुरंत की कार्रवाई

जैसे ही यह खबर भारतीय नौसेना को मिली. भारतीय नौसेना ने इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. युद्धपोत INS चेन्नई, समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और लंबी दूरी के प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन को जहाज की सहायता के लिए तैनात कर दिया गया. आईएनएस चेन्नई ने 5 जनवरी दोपहर 3:15 बजे इस जहाज को इंटरसेप्ट कर लिया था. आईएनएस चैन्नई पर तैनात मार्कोस कमांडो ने जहाज की जांच शुरू की.

जहाज पर कोई भी नहीं मिला

मगर जांच में जहाज पर कोई भी नहीं मिला. भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ये जानकारी दी. इंडियन नेवी ने बताया कि मरीन कमांडोज ने सभी 15 भारतीय समते सभी 21 सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया. जहाज की तलाशी के दौरान कोई नहीं मिला. ऐसा लगता है कि इंडियन नेवी की चेतावनी के बाद समुद्री लुटेरों ने अपना इरादा बदल लिया. मार्कोस कमांडो ने समुद्री लुटेरों के चंगुल से इस जहाज को कैसे बचाया, भारतीय नौसेना ने इसके तीन वीडियोज जारी किए हैं.

मार्कोस कमांडो के बारे में जानें

मार्कोस कमांडो का गठन 1987 में किया गया था. पहले मार्कोस कमांडो को इंडियन मैरीटाइम स्पेशल फोर्स के नाम से जाना जाता था. फिर इन्हे मैरीटाइम कमांडो फोर्स बल के नाम से जाना जाने लगा. इन्हे नेवी ऑपरेशन और एंटी पायरेसी ऑपरेशन में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था. इन्हें भारत ही नहीं, दुनिया के सबसे ताकतवर और खतरनाक फोर्सेस में गिना जाता है. मार्कोस कमांडोज पानी के भीतर एक से एक बड़े ऑपरेशन्स को अंजाम दे सकती है. भारत में 1100 से ज्यादा मार्कोस कमांडो हैं.