क्या कभी सोचा है Stress के भी होते हैं टाइप, इनमें से आपका कौन सा

क्या कभी सोचा है Stress के भी होते हैं टाइप, इनमें से आपका कौन सा

Types of Stress: तनाव किसी विशेष स्थिति या घटना के दबाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है. यह शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक किसी तरह की प्रतिक्रिया हो सकती है.

Types of Stress: ब्लड टेस्ट, सोलो ट्रिप पर जाना या फिर स्टार्टअप के लिए पहली बार किसी इंवेस्टर से मीटिंग शेड्यूल करना- ऐसी तमाम चीजों के दौरान आपको पसीना आता है और दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है. ये सब स्ट्रेस के ही निशान हैं. स्ट्रेस शरीर में होने वाला एक ऐसा रिएक्शन है, जिससे फिजिकल के साथ-साथ इमोश्नल हेल्थ पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. स्ट्रेस से न सिर्फ मानसिक बीमारियां बल्कि हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है.

हाल ही में बॉलीवुड एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक का निधन भी हार्ट अटैक के कारण हुआ माना जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो स्ट्रेस का सीधा कनेक्शन हार्ट अटैक से है. लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि आखिर स्ट्रेस कितने तरह का होता है?

स्ट्रेस क्या है?

तनाव किसी विशेष स्थिति या घटना के दबाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है. यह शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक किसी तरह की प्रतिक्रिया हो सकती है. नौकरी, पारिवारिक बीमारी या पैसों की परेशानी कुछ सामान्य ट्रिगर्स में से एक हैं. बता दें कि स्ट्रेस तीन तरह के होते हैं- एक्यूट, एपिसोडिक एक्यूट और क्रोनिक स्ट्रेस. आइए जानते हैं स्ट्रेस के टाइप्स के बारे में…

एक्यूट स्ट्रेस

सभी ने एक्यूट यानी तीव्र तनाव का अनुभव किया होगा. यह शरीर में क्विक रिएक्शन और चुनौतीपूर्ण स्थिति की तरह है. जैसे- किसी दुर्घटना से बचने के दौरान आप ऐसे तनाव का सामना कर सकते हैं. तीव्र तनाव की इन घटनाओं से आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता है. लेकिन ये कुछ परिस्थितियों में किसी व्यक्ति के लिए सूटेबल भी साबित हो सकते हैं. यह जानना जरूरी है कि गंभीर तीव्र तनाव पूरी तरह से अलग है. यह तनाव, एक जानलेवा स्थिति की तरह या दूसरी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.

एपिसोडिक एक्यूट स्ट्रेस

एपिसोडिक तीव्र तनाव तब होता है जब किसी को लगातार एक्यूट स्ट्रेस हो रहा हो. यह तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति अक्सर उन चीजों के बारे में चिंतित रहता है, जिन पर उन्हें संदेह है कि जल्द ही इससे कुछ बुरा हो सकता है. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित होते हैं.

क्रोनिक स्ट्रेस

जब कोई इंसान किसी समय अंतराल के लिए हाई स्ट्रेस को अनुभव करता है, तो उसे क्रोनिक स्ट्रेस कहा जाता है. लंबे समय तक तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. इससे डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर और दिल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.