अश्विन-जडेजा से सबसे ज्यादा परेशान रोहित, मैच जिताने वाले बॉलर्स पर किया खुलासा
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने खुलासा किया भारतीय गेंदबाजों को अपने रिकॉर्ड्स के बारे में इतना पता रहता है कि वे बार-बार उनसे बॉलिंग डलवाने के लिए दबाव बनाते हैं.
अगर किसी टीम में रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसी घातक स्पिन तिकड़ी हो और भारत में टेस्ट मैच हो रहा हो, तो उस टीम के कप्तान के लिए टीम को जीत तक पहुंचाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता. भारतीय क्रिकेट टीम के इन तीनों बेहतरीन स्पिनरों के रहते भारतीय कप्तानों को विरोधी टीमों के 20 विकेट गिराने के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता. नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में यही देखने को मिला, जहां इन तीनों स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया को ढाई दिनों में ढेर कर दिया. इसके बावजूद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा अपने इन्हीं तीनों स्पिनरों से परेशान भी रहते हैं.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट बिल्कुल उसी स्क्रिप्ट के तहत पूरा हुआ, जो पहले भी कई टेस्ट मैचों में देखी गई थी और जिसकी उम्मीद थी. टीम इंडिया ने कप्तान रोहित शर्मा के शतक और रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की निचले क्रम में बेहतरीन पारियों के दम पर ऑस्ट्रेलिया को पहले ही मैच से बाहर कर दिया था. फिर जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने दोनों पारियों में अपनी स्पिन से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 177 के बाद दूसरी पारी में 91 रन पर ढेर करते हुए टीम को आसान जीत दिलाई.
‘स्पिनरों को संभालना सबसे मुश्किल’
अब ऐसी बड़ी जीत मिले, जिसमें ज्यादा परेशानी न हो तो कप्तान को खुशी होगी ही और अपने गेंदबाजों की तारीफ वो करेगा ही. रोहित शर्मा ने भी इस प्रदर्शन के बाद अपने स्पिनरों को खूब सराहा लेकिन साथ ही उन्होंने एक ऐसे दबाव का जिक्र कर दिया, जिससे निपटना उनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होता है. मैच के बाद रोहित ने कहा कि भारतीय स्पिनरों को संभालना कितनी मुश्किल होता है. रोहित ने कहा,
एक छोर से ज्यादा मदद थी और तीनों स्पिनर पहुंच गए एक ही तरफ. ये चीज संभालना मेरे लिए ज्यादा मुश्किल है, बजाए ड्रेसिंग रूम में बाकियों को संभालने के या कप्तानी करने के.
उपलब्धियों के कारण फंस जाते हैं रोहित
रोहित ने आगे बताया कि ये दिग्गज स्पिनर उन पर दबाव बना रहे होते हैं कि गेंद उन्हें दी जाए क्योंकि वे किसी न किसी उपलब्धि के करीब होते हैं. रोहित ने मजाकिया अंदाज में कहा,
जडेजा बोल रहा है कि मैं 249 (विकेट) पर हूं. मुझे 250 करने हैं. रविचंद्रन अश्विन 450 लेकर बैठे हैं और अभी 4 विकेट हो गए हैं. वो कहते हैं कि मुझे 5 विकेट पूरे करने होते हैं. इसमें मैं भारत में काफी बार फंसा हूं और कई बार अनुभव हो गया है इसका.
‘सिराज रुक ही नहीं रहा था’
भारतीय कप्तान यहीं नहीं रुके और सिराज का उदाहरण देकर भी बोल दिया कि कैसे वनडे मैच में 25 में से 10 ओवर अकेले सिराज ने डाल दिए क्योंकि उन्हें 5 विकेट लेने थे. रोहित ने कहा,
सब आस-पास हैं किसी न किसी उपलब्धि के. हर दिन कोई माइलस्टोन हो रहा होता है उनका. कोई 20 बार 5 विकेट ले रहा है, किसी के 250 या 450 विकेट हो रहे हैं. मैं देखता नहीं हूं उपलब्धियों को लेकिन वो लोग मुझे आकर बोलते हैं कि उनके 250 या 450 विकेट हो रहे हैं तो उन्हें बॉल दूं. वनडे में सिराज ने 25 में से 10 ओवर डाल दिए क्योंकि उसे 5 विकेट लेने थे. त्रिवेंद्रम में श्रीलंका के खिलाफ सिराज ने अकेले 10 ओवर डाल दिए. वो रुक ही नहीं रहा है. मैं उसे बोल रहा हूं कि भाई टेस्ट मैच आ रहा है.
जाहिर तौर पर रोहित के लिए ये थोड़ा सिरदर्द होगा लेकिन इस सिरदर्द से भारतीय कप्तान को भी बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होगी क्योंकि ये सभी गेंदबाज आखिर अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया को जबरदस्त जीत दिला रहे हैं और इस सीरीज के बचे हुए तीनों मैचों में रोहित उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे.