कनाडा के पीएम ट्रुडो को बड़ा झटका, खालिस्तान प्रेम के चक्कर में डुबोएंगे ₹5820 करोड़!

कनाडा के पीएम ट्रुडो को बड़ा झटका, खालिस्तान प्रेम के चक्कर में डुबोएंगे ₹5820 करोड़!

खालिस्तान प्रेम के चक्कर में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को तगड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल, इंडियन स्टूडेंट्स पर निर्भर कनाडा की इकोनॉमी को नुकसान होने की संभावना है. आइए जानते हैं क्यों...

भारत कनाडा का विवाद कम होने के बजाए दिन पर दिन गर्माता जा रहा है. दोनों देशों के बीच का विवाद अब इकोनॉमी पर भी असर दिखाने लगा है. वहीं, ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालिस्तान प्रेम के चक्कर में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को तगड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल, रिपोर्ट की माने तो भारतीय छात्र जो कनाडा जाकर पढ़ते हैं, उसकी संख्या में 5 फीसदी की गिरावट आई है. विवाद के बीच इतनी गिरावट आना के लिए किसी झटके से कम नहीं है. कनाडा की इकॉनमी का बड़ा हिस्सा भारत पर निर्भर है. अगर खाने-पीने की चीजें छोड़ दें तो सिर्फ भारतीय छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में हर साल करोड़ों रुपये का योगदान करते हैं. भारत के स्टडेंट्स कनाडा की इकॉनमी में सालाना करीब 68,000 करोड़ रुपये (8 अरब डॉलर) योगदान करते है.

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भारत के भरोसे चलती है गाड़ी​

कनाडा की इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा भारत पर निर्भर करता है. सिर्फ भारतीय छात्रों से कनाडा की तिजोरी में हर साल करोड़ों रुपए जाते हैं. इंडियन स्टडेंट्स कनाडा की इकोनॉमी में हर साल करीब 68,000 करोड़ रुपये यानि 8 अरब डॉलर योगदान करते हैं. जब से भारत और कनाडा का विवाद शुरू हुआ है. और भारत ने कनाडाई वीजा पर रोक लगाई है तब से इंडियन स्टूडेंट्स कनाडा छोड़ रहे हैं. जिसके चलते कनाडा की इकोनॉमी को झटका है.

हर साल 2 लाख स्टूडेंट्स जाते हैं कनाडा

हर साल भारत से लगभग दो लाख बच्चे कनाडा पढ़ाई करने के लिए जाते हैं. पिछले साल 2022 में करीब 2,25,000 इंडियन स्टूडेंट्स कनाडाई वीजा लेकर कनाडा पढ़ाई करने गए हैं. दरअसल, कनाडा में पढ़ाई के साथ स्टूडेंट्स काम कर आसानी से अपना खर्चा निकाल लेते हैं. बता दें, कनाडा की यूनिवर्सिटीज में एक साल में तीन बार एडमिशन होता है, जनवरी, मई और सितंबर में. अब जब सितंबर में दोनों देश के बीच खटास पैदा हो गई और सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए वीजा पर रोक लगा दी है. तो इंडियन स्टूडेंट्स ने इस कनाडा जाने से परहेज किया है. छात्र वहां जाने से पहले सोच रहे हैं. अगर ये विवाद लंबा चला और जनवरी में होने वाले एडमिशन में छात्रों की संख्या में सिर्फ 5 फीसदी की भी गिरावट आई तो कनाडा की इकोनॉमी को 727 मिलियन डॉलर का झटका लग सकता है.

कनाडाई कॉलेज लगा रहे एड़ी से चोटी का जोर

जब कनाडा भारत का विवाद बढ़ रहा है और भारतीय स्टूडेंट्स कनाडा जाने से पहले सोच रहे हैं. तो कनाडा को इंडियन स्टूडेंट्स को खोने का डर सताने लगा है. जिसके लिए वो उन्हें लुभावने ऑफर दे रहे हैं. कनाडाई कॉलेज इंडियन स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए सस्ते कोर्स, सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं.