ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने पर दिल्ली सरकार का विरोध, कहा इससे स्टार्टअप हो जाएंगे खत्म
आज GST काउंसिल की 52वीं बैठक होनी है. बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर GST का मुद्दा सबसे बड़ा चर्चा का विषय है. ऐसे में ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स लगाने और पिछले सालों का टैक्स वसूली नोटिस भेजने के फैसले का दिल्ली सरकार ने विरोध किया है.
दिल्ली दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार को GST काउंसिल की बैठक से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत की ग्रोथ में स्टार्टअप्स ने बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाया है. भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों को रोजगार देने में स्टार्टअप्स का बहुत बड़ा सहयोग रहा है. लेकिन एक तरफ तो हम बात करते हैं एंटरप्रेन्योर्स को प्रमोट करने की दूसरी तरफ GST काउंसिल काफी ऐसे फैसले ले रहा है जो हमारे देश के स्टार्टअप इंडस्ट्री को खत्म करने की ओर बढ़ रहा है. बता दें, आज होने वाली GST बैठक में वित्त मंत्री ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स पर चर्चा होनी है.
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दिल्ली वित्त मंत्री ने कही ये बात
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि आज भारत में ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप इकोनॉमी में, स्टार्टअप सेक्टर में एंटरप्रेन्योरशिप में सबसे बड़ा ग्रोइंग सेक्टर है. ऑनलाइन गेमिंग एक ऐसा सेक्टर है जिसमें 80000 से ज्यादा लोग एंप्लॉय है. ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में 17000 करोड़ का विदेशी निवेश आया है. ऑनलाइन इंडस्ट्री में इतनी ग्रोथ हुई है कि पूरे देश में 40 करोड़ से ज्यादा लोग हैं जो छोटे-छोटे ऑनलाइन गेमिंग जैसे लूडो, कैरम जैसे ओनलाइन गेम एंटरटेनमेंट के तौर पर इस्तेमाल करता है. ऑनलाइन गेमिंग को एक सनराइज सनराइज सेक्टर स्टार्टअप का माना जाता है लेकिन GST काउंसिल ने हाल ही में फैसला लिया और ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में पर 28% दी GST लगा दिया. दिल्ली ने इसका विरोध किया.
दिल्ली की फाइनेंस मिनिस्टर आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली ने विरोध इस लिए किया क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग कोई लग्जरी सेक्टर नहीं है यह गैंबलिंग बैटिंग या हॉर्स रेसिंग की तरह नहीं है जहां बहुत ही रईस लोग उस सेक्टर में इंवॉल्व होते हैं. अगर आज आप देखे की बहुत सारे लोग देश भर में टियर टू सिटी में एंटरटेनमेंट के लिए कई प्रकार के छोटे-छोटे गेम्स ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट पर खेलती हैं.
टैक्स लगाने से खत्म हो जाएगी इंडस्ट्री- आतिशी
दूसरी बात अगर इन वेबसाइट इंडस्ट्री में 28% टैक्स लगा दिया जाता है तो उसका इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा इंपैक्ट पड़ता है. अगर जो लीगल ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री है उसको इतना ज्यादा टैक्स करेंगे और वह इंडस्ट्री खत्म हो जाती है. बहुत सारे स्टार्टअप बंद हो जाते हैं, तो हम खुद गैरकानूनी गेमिंग के लिए रास्ता खोलते हैं, लेकिन अच्छी बात यह थी कि GST काउंसिल ने एक यह फैसला भी लिया कि हम 6 महीने के अंदर 28% टैक्स का रिव्यू करेंगे और अगर इस सेक्टर में बहुत ज्यादा डाउनफॉल आता है तो उसको रिकंसीडर करेंगे.
आतिशी ने आगे कहा कि 1 अक्टूबर से यह 28 फ़ीसदी टैक्स लागू होना था लेकिन उससे पहले ही GST काउंसिल के DGGI ने सारी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को पिछले 6 साल के डेढ़ लाख करोड़ के टैक्स का नोटिस भेज दिए इस 23000 करोड़ की इंडस्ट्री को 1.5 लाख करोड़ के टैक्स के नोटिस मिल जाते हैं इससे क्या होगा इसे पूरा सेक्टर खत्म हो जाएगा कोई भी कंपनी नहीं बच पाएगी जो अपने वैल्यूएशन जितना टैक्स भर पाएगी उदाहरण के तौर पर एक कंपनी है उसकी कंपनी की टोटल वैल्यूएशन 19000 करोड रुपए है एक 19000 करोड़ की कंपनी को 10000 करोड़ का नोटिस आया है वह टैक्स नहीं भर पाएगी इसका नतीजा क्या होगा उसका नतीजा यह होगा कि कंपनियां टैक्स नहीं भर पाएंगे और यह टैक्स न भरने के लिए टैक्स कंपनी बंद हो जाएंगी.
बेरोजगार हो जाएंगे हजारों लोग
आतिशी ने कहा कि कंपनियां बंद हो गई तो 50000 से ज्यादा लोग जो प्रोग्राम्स या उन कंपनियों में काम करने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे दूसरी बात इस पूरे सेक्टर में रोजगार देने का पोटेंशियल खत्म हो जाएगा. तीसरी बार यह कैसा सेक्टर है इसमें पहले से ही 17000 करोड़ का विदेशी निवेश है 25000 करोड़ का और विदेशी निवेश पाइपलाइन में था लेकिन जब इतना अनस्टेबल टैक्स वातावरण है तो कौन सा विदेशी निवेशक इन कंपनियों में निवेश करना चाहेगा न सिर्फ यह बल्कि यह टेक्स वातावरण न सिर्फ ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बल्कि पूरे स्टार्टअप सेक्टर को इंपैक्ट करेगा. इसलिए कोई भी फॉरेन इन्वेस्टर देश में निवेश नहीं करना चाहेगा,जो आज कॉलेज से पास आउट हो रहा है, इंजीनियरिंग से पास आउट हो रहा है. वो अच्छी सी सेफ नौकरी करेंगे. क्योंकि अपना स्टार्टअप शुरू करना तो कितना रिस्की है.
विथड्रॉ करने की उठाई मांग
वित्त मंत्री आतिशीने कहा कि इस इंडस्ट्री में ग्रोथ होने के बावजूद अगर हमारे देश में इतना बड़ा टैक्स लग जाए खत्म हो जाएगा स्टार्टअप करने से डरने लग जाएगा तो हमारे देश का अगला फ्लिपकार्ट कहां से आएगा, हमारा अगला पेटीएम कहां से आएगा, हमारा अगला जोमैटो कहां से आएगा, हमारा अगला OYO कहां से आएगा? इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इस तरह के नोटिस को जो ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को खत्म करना चाहते हैं इनको विड्रो किया जाए आज GST काउंसिल की मीटिंग है और इस मुद्दे को मैं GST काउंसिल की मीटिंग में जरूर उठाऊंगी की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को हमारे टैक्स नोटिस खत्म कर देंगे और इन नोटिस को वापस लेना जरूरी है.