IMF का दावा, ग्रोथ कम होने के बाद भी साल 2023 में महंगाई से मिलेगी राहत

IMF का दावा, ग्रोथ कम होने के बाद भी साल 2023 में महंगाई से मिलेगी राहत

IMF के नए ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट के अनुसार, ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले वर्ष अनुमानित 3.4 फीसदी से गिरकर इस वर्ष 2.9 फीसदी होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष 3.1 फीसदी तक बढ़ सकता है.

International Monetory Fund (IMF) ने इस सप्ताह अपने नए ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट (Global Economic Outlook Report) में भविष्यवाणी की है कि साल 2023 में कम इकोनॉमिक ग्रोथ के बीच ग्लोबल इंफ्लेशन (Global Inflation) में कमी देखने को मिलेगी. रूस-यूक्रेन वॉर और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया. हालांकि, चीन के फिर से ओपन होने और कोविड-19 महामारी से संबंधित लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने से ग्लोबल ग्रोथ में इजाफा देखने को मिल सकता है.

टाइट मॉनेटरी पॉलिसी

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश इकोनॉमीज में कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस के बीच, लगातार महंगाई कम करने की प्राथमिकता बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार टाइट मॉनेटरी कंडीशंस और कम वृद्धि के साथ संभावित रूप से फाइनेंस और लोन स्टेबिलिटी को को प्रभावित करने के साथ, मैक्रोप्रूडेंशियल टूल को तैनात करना और लोन रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क को मजबूत करना आवश्यक है.

अमेरिका और यूरोप में महंगाई ज्यादा

आईएमएफ ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले और कोविड-19 और अन्य जियो पॉलिटिकल इश्यू से पैदा हुई चुनौतियों ने प्राइस प्रेशर को हाई रखा है. यह प्रेशर सबसे ज्यादा एनर्जी प्रोडक्ट्स और फूड प्रोडक्ट्स में देखने को मिला है. ग्लोबल इंफ्लेशन दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग देखने को मिल रही है. जहां अमेरिका और यूरोप में महंगाई के आंकड़ें ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एशिया के कई हिस्सों में कम है.

कैसा रहेगा ग्लोबल ग्रोथ रेट?

आईएमएफ के नए ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट के अनुसार, ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले वर्ष अनुमानित 3.4 फीसदी से गिरकर इस वर्ष 2.9 फीसदी होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष 3.1 फीसदी तक बढ़ सकता है. हालांकि पूर्वानुमानित विकास अभी भी “सबपार” है, पिछले पूर्वानुमानों के बाद से कुल मिलाकर तस्वीर में थोड़ा सुधार हुआ है. 2023 के लिए मौजूदा प्रोजेक्शन अक्टूबर 2022 विश्व आर्थिक आउटलुक में भविष्यवाणी की तुलना में 0.2 प्रतिशत अंक अधिक है. वैसे यह खुश होने की इसलिए नहीं है क्योंकि साल 2000 से 2019 के बीच हिस्टोरिकल ग्लोबल रेट 3.8 फीसदी था.