इस भारतीय कंपनी में गई 600 लोगों की नौकरी, एक टेस्ट बना वजह
इंफोसिस ने करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने इंटरनल फ्रेशर असेस्मेंट टेस्ट पास नहीं करने पर यह एक्शन लिया है.
भारतीय आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने इंटरनल फ्रेशर असेस्मेंट टेस्ट पास नहीं करने पर यह एक्शन लिया है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक फ्रैशर ने उसे बताया कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में कंपनी में काम करना शुरू किया था. और उसे SAP ABAP स्ट्रीम के लिए ट्रेनिंग दी गई थी. उसने बताया कि 150 लोगों की टीम में से सिर्फ 60 लोगों ने परीक्षा पास की थी. और बाकी सभी लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया.
असेस्मेंट टेस्ट में फेल हुए कर्मचारी
कर्मचारी ने बताया कि पिछले बैच में से, करीब 85 फ्रैशर को टेस्ट फेल करने के बाद निकाल दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरनल टेस्ट में फेल होने के बाद ही 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. दो हफ्ते पहले, 208 फ्रैशर को टेस्ट में फेस होने के बाद निकाल दिया गया था. कुल मिलाकर, पिछले कुछ महीनों में टेस्ट फेल करने पर 600 कर्मचारी निकाल दिए गए हैं.
आपको बता दें कि दुनिया में इन दिनों छंटनी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. सबसे बुरी हालत टेक, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर की कंपनियों में है. भारत में भी स्टार्टअप कंपनियों में बड़े स्तर पर छंटनी देखी गई है. लेकिन TCS, Infosys और Wipro जैसी देश की बड़ी आईटी कंपनी में ना सिर्फ कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने या बदलने की दर (Attrition Rate) में गिरावट आई है, बल्कि कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को रोके रखने के लिए प्रमोशन और अन्य नए तरीके अपना रही हैं.
कंपनी का एट्रिशन रेट गिरा
इंफोसिस का एट्रिशन रेट भी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नीचे आया है. ये घटकर 24.3 प्रतिशत रह गया है. जो इससे पिछली तिमाही में 27.1 और अप्रैल-जून में 28.4 प्रतिशत था. कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 3,46,845 हो गई है, जो पहले 3,45,218 थी. इस तरह कंपनी के साथ कुल 1,627 नए लोग जुड़े हैं.
पिछले साल अक्टूबर में इंफोसिस बाजार मूल्य के हिसाब से देश की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी. कंपनी ने एचयूएल को पीछे छोड़ते हुए ये स्थान हासिल किया है.