शेयर बाजार में डूब रहा है पैसा तो यहां करें रुख, खत्म हो जाएगी टेंशन!
Invest in Mutual Funds: जब शेयर बाजार में आपका पैसा डूब रहा हो और आप सही निवेश की तलाश कर रहे हो तो मल्टी एसेट फंड बेहतर विकल्प बन सकता है. मल्टी एसेट फंड वो होते हैं जिसमें पूंजी को इक्विटी, डेट और कमोडिटी जैसे कई एसेट क्लास में निवेश किया जाता है.
मौजूदा आर्थिक माहौल थोड़ा डांवाडोल नजर आ रहा है. मुद्रास्फीति बढ़ रही है, ब्याज दरें ऊंची हैं और मंदी का डर भी सता रहा है. ऐसे समय में, मल्टी एसेट फंड आपके पैसों को स्थिर रिटर्न के लिए एक सुरक्षित दांव माना जाता है. आखिर क्या होते हैं ये मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड. कैसे करता है काम और शेयर बाजार की गिरावट में कैसे बनता है भरोसे का साथी. आइए जानते हैं.
मल्टी एसेट फंड वो होते हैं जिसमें पूंजी को इक्विटी, डेट और कमोडिटी जैसे कई एसेट क्लास में निवेश किया जाता है. नियम के मुताबिक इस तरह के फंड को फंड मैनेजर को इनमें से अलग अलग एसेट क्लास में कम से कम 10% कॉर्पस का निवेश करते हैं. तो क्या ऐसा करने से मल्टी एसेट फंड आपका सच्चा साथी बन जात है.
दे चुका है बेहतर रिटर्न
इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि जब शेयर बाजार में गिरावट की स्थिति चल रही हो तो इक्विटी में 80% और डेट तथा कमोडिटी में केवल 10% का निवेश, फंड के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. एक सच्चा मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड वह है जो ‘पूर्वनिर्धारित’ तरीके से सभी एसेट में निवेश करता है. पिछले एक साल में एसबीआई, टाटा और एचडीएफसी के मल्टी एसेट फंड ने 18.53%, 18.18% और 16.23% का रिटर्न दिया, जबकि निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड ने 18.54% का रिटर्न दिया.
उतार चढ़ाव के समय बनाए रणनीति
वित्तीय मामलों के योजना बनाने वाले एक्स्पर्ट्स निवेशकों को सलाह देते हैं कि उनके पोर्टफोलियो को एसेट क्लासेस में विविधता लाने की आवश्यकता है ताकि उतार चढ़ाव के समय में भी न केवल उनका निवेश सुरक्षित रहे बल्कि उन्हें अच्छा रिटर्न भी मिले. इसके साथ ही मल्टी एसेट फंड चुनते समय, उन्हें ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए जो वाकई इसकी थीम के अनुरूप हो. एडवाइजर खोज के को-फाउंडर द्वैपायन बोस कहते हैं कि पूर्व-निर्धारित एसेट एलोकेशन सही डायवर्सिफिकेशन ऐसा करता है. इसलिए एसेट क्लास का अनुपात मार्केट की परिस्थितियों के अनुसार नहीं बदलना चाहिए.
क्या कहते हैं आंकड़ें
निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड का उदाहरण देखे तो यह एकमात्र मल्टी एसेट फंड है जो चार एसेट क्लासों में निश्चित अनुपात में निवेश करता है. यह भारत की इक्विटी ( ग्रोथ ) पर में 50%, डेट (रिलेटिव स्टबिलिटी) में 15%, कमोडिटीज में 15% (इक्विटी के साथ कम जुड़ाव) और शेष 20% विदेशी इक्विटी (ग्लोबल ग्रोथ की संभावनाओं) में निवेश करता है. 50:20:15:15 के एलोकेशन का यह फार्मूला (मार्केट की परिस्थितियां चाहे जैसी हो) इसे वास्तव में मल्टी एसेट फंड बनाता है. कोटक, यूटीआई और टाटा जैसे लगभग सभी अन्य मल्टी एसेट फंड अपने कॉर्पस को तीन एसेट क्लासों, इक्विटी, डेट और कमोडिटी में निवेश करते हैं और बड़े पैमाने पर एलोकेशन के फॉर्मूले का हमेशा पालन नहीं करते हैं.