Go First की फ्लाइट्स अब 12 मई तक कैंसिल, जल्द मिलेगा रिफंड

Go First की फ्लाइट्स अब 12 मई तक कैंसिल, जल्द मिलेगा रिफंड

खुद को दिवालिया घोषित कर चुकी गो फर्स्ट की फ्लाइट्स अब 12 मई तक कैंसिल रहेंगी. कंपनी की दिवाला याचिका पर एनसीएलटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

बजट एयरलाइंस गो फर्स्ट की सभी फ्लाइट्स अब 12 मई तक कैंसिल रहेंगी. कंपनी के खुद को दिवालिया घोषित करने के बाद से उसकी फ्लाइट सर्विस बंद चल रही है. कंपनी ने 2 मई को खुद के दिवालिया होने का ऐलान किया था, इसी के साथ एनसीएलटी में इसके लिए अप्लाई किया था. हालांकि एनसीएलटी में अभी कंपनी के खिलाफ दो और दिवाला अर्जी दाखिल की गई हैं.

गो फर्स्ट ने पहले 3 से 5 मई तक अपनी फ्लाइट सर्विस को कैंसिल रखने की बात कही थी, फिर इसे बढ़ाकर 9 मई कर दिया गया. अब कंपनी ने एक बार फिर फ्लाइट सर्विस को 12 मई तक बंद रखने की बात कही है. एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए को भेजे पत्र में कंपनी 15 मई तक फ्लाइट टिकट बुकिंग को बंद रखने बात पहले ही कह चुकी है.

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जल्द जारी होगा यात्रियों को रिफंड

गो फर्स्ट के अचानक से अपनी फ्लाइट सर्विस बंद करने के बाद डीजीसीए ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. वहीं यात्रियों का पैसा रिफंड करने के लिए भी कहा था. अब गो फर्स्ट का कहना है कि वह जल्द ही लोगों को रिफंड जारी करेगी. यात्रियों ने जिस माध्यम से पेमेंट किया होगा, उसी माध्यम से उन्हें पैसा भेज दिया जाएगा.

कंपनी का अपने बयान में कहना है कि फ्लाइट कैंसिलेशन की वजह से यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए उसे खेद है. कंपनी यात्रियों को हर संभव तरीके से मदद करेगी.

एनसीएलटी के पास 2 और याचिका

गो फर्स्ट की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने के बाद एनसीएलटी ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. जबकि उसके खिलाफ एनसीएलटी में दो और याचिका दायर की गई हैं. इसमें एक याचिका गो फर्स्ट से 3 करोड़ रुपये वसूलने के लिए एसएस एसोसिएट्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने दायर की है. ये गो फर्स्ट के लिए ट्रांसपोर्टेशन सर्विस देती है.

जबकि दूसरी याचिका एक पायलट ने दायर की है जिसका दावा है कि कंपनी पर उसका एक करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. दोनों याचिकाओं पर एनसीएलटी 8 मई को सुनवाई करेगी. उसी दिन एनसीएलटी स्पाइस जेट के खिलाफ दिवाला याचिका की सुनवाई करेगी.

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खराब इंजन ने किया बंटाधार

गो फर्स्ट ने खुद के दिवालिया होने की वजह प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजन को बताया है. कंपनी के बेड़े में कुल 61 विमान हैं, जिसमें से 30 विमान उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है. इससे कंपनी को अपना ऑपरेशन करने में दिक्कत आ रही है और वह अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रही है.

एनसीएलटी के पास जाने से पहले गो फर्स्ट ने कई तरह से कंपनी को बचाने की कोशिश की. कंपनी इससे पहले एक स्ट्रैटेजिक पार्टनर की तलाश में थी. लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सकी. वाडिया ग्रुप की ये कंपनी 2005 से अपना ऑपरेशन चलाती है.