Go First के जाते ही Indigo के लिए साफ हुआ आसमान, ऐसे करेगी मार्केट पर कब्जा

Go First के जाते ही Indigo के लिए साफ हुआ आसमान, ऐसे करेगी मार्केट पर कब्जा

अगले 12 महीनों में 17 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल सकता है. इसका मतलब हैं कि कंपनी के शेयर मौजूदा लेवल से 2,500 रुपये प्रति शेयर के लेवल को पार कर सकता है.

हाल ही में Go First एयरलाइन ने इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स के लिए अप्लाई किया है. जिसके बाद देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंटरग्लोब एविएशन यानी इंडिगो कंपनी के लिए पूरा आसमान साफ हो गया है. ​डॉमेस्टिक हो या फिर इंटरनेशनल फ्लाइट्स कंपनी की हिस्सेदारी में इजाफा होने की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. साथ ही इंडिगो के पास एयर फेयर कंट्रोल करने की पॉवर भी बढ़ जाएगी क्योंकि कंप्टीशन कम होगा. जब से गो फर्स्ट ने इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स में जाने का ऐलान किया है इंडिगो के शेयरों में 7 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुकी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इंडिगो किस तरह से ग्रो कर सकती है.

शेयरों में देखने को मिल सकता 17 फीसदी का इजाफा

स्ट्रांग फ्लीट यूटिलाइजेशन रेट्स और इंडियन एविएशन के तेजी से ग्रो करने के साथ इंडिगो को वित्त वर्ष 24 में रेवेन्यू पर अवेलेबल सीट किलोकीमर 15 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है. जानकारों की मानें तो गो फर्स्ट जैसे एयरलाइन के ग्राउंडिंग होने और कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से रास्क के और बढ़ने की उम्मीदें हैं. मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 9-12 महीनों कंपनी के शेयरों में पॉजिटिव सेंटीमेंट दिखने की उम्मीदें हैं. ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि अगले 12 महीनों में 17 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल सकता है. इसका मतलब हैं कि कंपनी के शेयर मौजूदा लेवल से 2,500 रुपये प्रति शेयर के लेवल को पार कर सकता है.

Indigo Share Price

Indigo Share Price

ऐसे बढ़ सकती बाजार हिस्सेदारी

इंडिगो और बाकी एयरलाइन की बाजार हिस्सेदारी के बीच दिन और रात का अंतर है. डॉमेस्टिक लेवल पर इंडिगो के पास 55 फीसदी मार्केट में हिस्सेदारी है. टाटा समूह की एअर इंडिया और विस्तारा क्रमशः 8.9 फीसदी और 8.7 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ बाद में आते हैं. विश्लेषकों के अनुसार, इंडिगो का डॉमिनेंस इसके प्रॉफिट के रास्ते खोलेगा. इससे न केवल कंपनी के मार्जिन में इजाफा होगा, बल्कि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी बढ़ेगी. आईआईएफएल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार गो फर्स्ट के पास डॉमेस्टिक ट्रैफिक में 8 फीसदी और इंटरनेशनल ट्रैफिक में 5 फीसदी हिस्सेदारी है. अगर वह मार्केट से बाहर हो जाती है तो इंडस्ट्री लेवल के लोड फैक्टर और प्राइसिंग के माहौल में काफी सुधार हो सकता है.

Indigo Flight

कभी इंडिगो भी था प्रैट एंड व्हिटनी का कस्टमर

जबकि गो फ़र्स्ट भारत की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन थी, कोविड-19 महामारी ने कंपनी को उस समय और बड़ा झटका दिया जब प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन फेल होने लगे, जिसके कारण एयरलाइन को अपने बेड़े का आधा हिस्सा बंद करना पड़ा. कंपनी ने अपनी इच्छा से एनसीएलटी से अंतरिम राहत की मांग करते हुए इंसॉल्वेंसी के लिए आवेदन कर दिया.

इंडिगो भी कभी प्रैट एंड व्हिटनी की कस्टमर थी. लेकिन, जब 2016 में इसके इंजन की समस्याएं सामने आईं, तो इंडिगो ने दूसरी यूएस-बेस्ड इंजन मेकर सीएफएम के साथ टाइअप कर दिया और अपने आपको बचा लिया. एयरलाइन का दावा है कि मौजूदा समय में उसके 300 से अधिक विमान डेली उड़ान भरते हैं. इसके अलावा, बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, इंडिगो बोइंग और एयरबस से 500 और विमानों का ऑर्डर कर चुकी है. वहीं एअर इंडिया की ओर से भी 470 विमानों का ऑर्डर दिया हुआ है.

Pratt And Whitney Engine

दिख रहे हैं बेहतर संकेत

ब्रोकरेज हाउसेस इंडिगो को लेकर काफी उत्साहित हैं, उनका कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से एयरलाइन को अपने मार्जिन में सुधार करने में मदद मिलेगी. डॉमेस्टिक पैसेंजर्स ट्रैफिक में वृद्धि भी इंडियन एविएशन सेक्टर के लिए काफी अच्छे संकेत दे रहा है. अप्रैल में वित्त वर्ष 23 के औसत 3.73 लाख की तुलना में प्रति दिन 4.3 लाख यात्रियों का 15 फीसदी अधिक ट्रैफिक देखा गया. कुल मिलाकर कच्चे लेत की कीमत कम होना, एयर पैसेंजर्य में इजाफा और गो फर्स्ट का पतन ये सभी कारण भारत में इंडिगो के नंबर वन स्टेटस को कायम रखने में मदद करेंगे.