अडानी के आश्वासन पर निवेशकों को नहीं विश्वास, कंपनियों का 30 हजार करोड़ खल्लास
Adani के छह स्टॉक - अडानी पॉवर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर, एनडीटीवी और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा हुआ है.
Adani Group द्वारा निवेशकों को आश्वासन दिया था कि वो शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देंगे, लेकिन निवेशकों को इस आश्वासन पर विश्वास नहीं दिख रहा है. इसका जीता जागता प्रमाण शेयर बाजार में अडानी के गिरते शेयरों को देखकर लगाया जा सकता है. आज यानी मंगलवार को भी अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani Group Share) में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैप से 30 हजार करोड़ रुपये कम हो गए हैं.
अडानी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिड अडानी के 10 शेयरों में से केवल अदानी पोर्ट्स मामूली तेजी के साथ कारोबार कर रहा है वर्ना सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट है. अडानी के छह स्टॉक – अडानी पॉवर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर, एनडीटीवी और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा हुआ है. वहीं दूसरी ओर अडानी इंटरप्राइजेज के तिमाही नतीजों के आने से पहले करीब 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है और 1652 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
10.50 लाख करोड़ साफ
24 जनवरी के बाद से, जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे, तब से अब तक सभी 10 शेयरों के ज्वाइंट मार्केट से 55 फीसदी से ज्यादा साफ हो चुका है और निवेशकों को 10,50,700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद कि अडानी ग्रुप ने अगले वित्तीय वर्ष तक अपनी ग्रोथ अनुमान को कम किया है और कैपेक्स को भी कम करने की बात कही हैं. ग्रुप के प्रवक्ता ने एक दिन पहले कहा था कि उनका कारोबार फुल—फंडिड है और कंपनियां निवेशकों को बेहजर रिटर्न देने में कामयाब होंगी.
डैमेज कंट्रोल में जुटे अडानी
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पिछले शुक्रवार को अडानी ग्रीन एनर्जी सहित अडानी समूह की चार कंपनियों के आउटलुक को “स्टेबल” से घटाकर “नेगेटिव” कर दिया था. वहीं हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद बुरी तरह प्रभावित, अडानी ग्रुप अपना बचाव करने की कोशिश कर रहा है और उसने अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को हायर किया है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति गौतम अडानी भी कारोबार को नियंत्रित करने वाली अपनी निजी पारिवारिक कंपनियों की निगरानी में सुधार कर निवेशकों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं.