थोक महंगाई नीचे आई, घटे पेट्रोल-डीजल के दाम, जनता कब खा पाएगी आम?
सरकार ने थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं. जनवरी 2023 में ये पिछले साल जनवरी के मुकाबले घटी है. वहीं दिसंबर 2022 के हिसाब से भी इसमें नरमी दर्ज की गई है.
रिटेल मंहगाई दर के आंकड़े जारी करने के अगले दिन यानी मंगलवार को सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) पर आधारित थोक महंगाई दर का डाटा भी रिलीज कर दिया है. पेट्रोल-डीजल और पॉवर कैटेगरी में नरमी का असर थोक महंगाई दर पर दिखा है. इसके चलते जनवरी 2023 में ये 4.73 प्रतिशत रही है. जबकि दिसंबर 2022 में ये 4.95 प्रतिशत पर थी.
थोक मूल्य सूचकांक में मिनरल ऑयल, केमिकल और केमिकल प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल, क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस और खाद्य सामग्री की थोक महंगाई दर को शामिल किया जाता है. इसके अलावा मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट और बिजली की दरें भी थोक महंगाई तय करने में काम आती हैं.
पेट्रोल-डीजल के घटे दाम
जनवरी 2023 में पेट्रोल-डीजल और पॉवर कैटेगरी में थोक महंगाई दर 15.15 प्रतिशत पर रही है. ये दिसंबर 2022 में 18.09 प्रतिशत थी और नवंबर 2022 में 19.71 प्रतिशत पर. थोक मूल्य सूचकांक में सबसे अधिक वेटेज मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स का होता है. जनवरी 2023 में इस कैटेगरी में महंगाई दर 2.99 प्रतिशत रही है. जबकि दिसंबर 2022 में ये 3.37 प्रतिशत और नवंबर 2022 में 3.44 प्रतिशत थी. यानी इसमें भी नरमी दर्ज की गई है.
अगर फूड इंडेक्स की बात करें, तो कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक के लेवल पर भी फूड इंडेक्स में महंगाई दर बढ़ रही है. नवंबर में इस कैटेगरी की महंगाई दर 2.52 प्रतिशत थी, दिसंबर 2022 में ये 0.65 प्रतिशत रही और जनवरी 2023 में इसकी दर 2.95 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
जनता कब खा पाएगी आम?
थोक महंगाई दर के आंकड़े दिखा रहे हैं कि थोक बाजार में कीमतें लगातार कम हो रही हैं, लेकिन रिटेल मार्केट में आम जनता तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. इसे इस तरह समझा जा सकता है कि खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. जनवरी 2023 में भी ये 6.52 प्रतिशत पर रही है.
रिटेल महंगाई दर जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 प्रतिशत की उच्चतम दर से ऊपर पहुंच गई है. आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है. वहीं महंगाई दर का दायरा 2 से 6 प्रतिशत के बीच रखने की सीमा भी फिक्स है. वहीं दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 प्रतिशत थी.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ Food Price Index की है. इसका मतलब ये हुआ कि खाने-पीने की चीजों के दाम देश में खुदरा महंगाई को बढ़ाने या घटाने का एक बड़ा फैक्टर है. अगर जनवरी 2023 के आंकड़ों को देखा जाए तो जनवरी में फूड इंफ्लेशन रेट 5.94 प्रतिशत रहा है. जबकि दिसंबर 2022 में खाद्य महंगाई दर 4.19 प्रतिशत थी.