अडानी के असर से क्यों बाहर नहीं आ पा रहा SBI? क्या करें निवेशक, एक्सपर्ट से समझिए

अडानी के असर से क्यों बाहर नहीं आ पा रहा SBI? क्या करें निवेशक, एक्सपर्ट से समझिए

अडानी-हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद मजबूत तिमाही नतीजों के बावजूद एसबीआई के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. लेकिन, बुधवार को सत्र के दौरान अडानी ग्रुप की कंपनियों में बिकवाली में रूकावट आई है.

अडानी ग्रुप की कंपनियां और उसकी बड़ी निवेशक कंपनियां भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद कड़ी निगरानी में हैं. अडानी-हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद मजबूत तिमाही नतीजों के बावजूद एसबीआई के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. लेकिन, बुधवार को सत्र के दौरान अडानी ग्रुप की कंपनियों में बिकवाली में रूकावट आई है.

शेयरों में लगातार उतार-चढ़ाव

इसकी वजह से निवेशकों के दिमाग में यह सवाल आया है कि उसे क्वालिटी बैंकिंग स्टॉक जैसे एसबीआई में पैसा लगाना चाहिए या नहीं. अडानी-हिंडनबर्ग मामला शुरू होने के बाद से बैंक के शेयरों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या एसबीआई के फंडामेंटल्स और टेक्निकल चार्ट की वजह से शेयर में लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद दिखती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में डिपॉजिट में धीमी ग्रोथ एसबीआई के लिए बड़ी चुनौती नहीं होगा. और लंबी अवधि में, उनका अनुमान है कि एसबीआई के शेयर की कीमत बढ़कर 730 रुपये प्रति शेयर के स्तर तक पहुंच सकती है.

एसबीआई के शेयर की कीमत आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर करीब 545 रुपये प्रति शेयर है. इसका मतलब है कि निवेशख लंबी अवधि में करीब 35 फीसदी रिटर्न की उम्मीद कर सकता है.

SBI का तिमाही नतीजा रहा अच्छा

शेयर बाजार के एक एक्सपर्ट का कहना है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तिमाही अच्छी रही है, जिसमें ज्यादा नॉन-इंट्रस्ट इनकम और दूसरी आय का बड़ा योगदान है. लोन ग्रोथ भी अनुमान के मुताबिक ठीक रही है, जिसमें रिटेल और एसएमई का अच्छा सपोर्ट है. बैंक की लोन ग्रोथ 14 से 16 फीसदी के बीच रही है. जानकार के मुताबिक, करीबी अवधि में धीमी डिपॉजिट ग्रोथ कोई मुद्दा नहीं हो सकता है. तिमाही आधार पर एसेट क्वालिटी स्थिर है. वहीं, 42.3 अरब रुपये का बफर एसेट प्रोविजन भी मौजूद है.

अडानी ग्रुप की कंपनियों में एसबीआई के लोन पर एक्सपर्ट का कहना है कि जहां अडानी ग्रुप का एक्सपोजर कुल लोन का 0.88 फीसदी. वगीं, ये लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क से नीचे है. और आज की तारीख तक लोन रिपेमेंट पर कोई दिक्कत नहीं आई है.