तुर्किए भूकंप से भारतीय एक्सपोर्ट बेहाल, जद में आए कॉटन, टेक्सटाइल जैसे कारोबार
तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप से जहां दोनों देश जूझ रहे हैं, वहीं इसका असर दुनियाभर में भी महसूस हो रहा है. इस भूकंप ने भारत के एक्सपोर्ट को भी प्रभावित किया है और कई सेक्टर इससे बेहाल हैं.
तुर्किए और सीरिया में आए भयंकर भूकंप के बाद जहां दोनों देशों में लाखों लोग जिंदगी की जद्दोजहद कर रहे हैं. बचाव दल एक-एक जान बचाने की आस में बिना रुके लगातार काम कर रहे हैं. वहीं इसका एक असर कई देशों के कारोबार पर भी पड़ रहा है. इससे भारत भी अछूता नहीं रहा है. भारत तुर्किए को बड़े स्तर पर कॉटन, टेक्सटाइल और यार्न का निर्यात करता है, और भूकंप के बाद से इन सभी सेक्टर के एक्सपोर्ट पर इसका असर पड़ा है.
हालांकि भारत की ओर तुर्किए और सीरिया को इस मुश्किल घड़ी में राहत पहुंचाने का काम किया गया है. भारत के राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कई दस्तों को बचाव अभियान के लिए तुर्किए रवाना किया गया है.
तुर्किए को भूकंप से भारी नुकसान
बीते सप्ताह तुर्किए और सीरिया में आए भीषण भूकंप ने दोनों देशों की इकोनॉमी को भयानक नुकसान पहुंचाया है. गगनचुंबी इमारतें जमींदोज हो गई हैं. देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का बुरा हाल है. 33,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लॉजिस्टिक नेटवर्क ध्वस्त हो चुका है. तुर्किए का प्रसिद्ध इस्केंदेरुन बंदरगाह भी लगभग एक सप्ताह से बंद है.
एक्सपोर्ट के नुकसान का आकलन अभी संभव नहीं
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि तुर्किए में अभी तक भूकंप से हुई तबाही का आंकलन नहीं किया जा सका है. ऐसे में इसका भारत के निर्यात पर पड़ने वाले असर को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है.
भारत से तुर्किए को निर्यात पिछले साल अप्रैल से नवंबर के दौरान 6.2 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.1 अरब डॉलर रहा था.
अजय सहाय ने कहा कि भूकंप से तुर्किए की मुद्रा लीरा के और कमजोर होने की आशंका भी है. यह पहले ही अपने निचले स्तर पर पहुंच चुकी है. भूकंप के बाद आयात और महंगा होने के अलावा मांग पर भी असर पड़ेगा.
(भाषा के इनपुट के साथ)