फेस्टिव सीजन में चीनी की मिठास पर वार, 13 साल में सबसे ज्यादा बढ़े रेट, आपकी जेब पर ऐसे बढ़ेगा बोझ

फेस्टिव सीजन में चीनी की मिठास पर वार, 13 साल में सबसे ज्यादा बढ़े रेट, आपकी जेब पर ऐसे बढ़ेगा बोझ

ग्लोबल मार्केट में चीनी की कीमतें कई सालों के हाई लेवल पर पहुंच गई हैं, जिसका असर अब डोमेस्टिक मार्केट में भी दिखने लगा है. त्योहारी सीजन में चीनी की कीमतें बढ़ने से मिठाइयों की मिठास गायब हो सकती है. इससे पहले साल 2010 में चीनी की कीमतों में तेजी देखी गई थी.

भारत में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन महंगाई के चलते इस बार फेस्टिव सीजन की मिठास फीकी रह सकती है. इस दौरान कई खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार पड़ सकती है. महंगाई का असर सबसे ज्यादा चीनी पर पड़ रहा है. ग्लोबल मार्केट में चीनी की कीमतें कई सालों के हाई लेवल पर पहुंच गई हैं, जिसका असर अब डोमेस्टिक मार्केट में भी दिखने लगा है. त्योहारी सीजन में चीनी की कीमतें बढ़ने से मिठाइयों की मिठास गायब हो सकती है. आइए जानते हैं ग्लोबल मार्केट से लेकर घरेलू बाजार में चीनी का क्या हाल है…

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भारत में चीनी का हाल

फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी की ग्लोबल कीमतें सितंबर में 13 साल के हाई पर पहुंच गई हैं. ग्लोबल बाजार में चीनी के बढ़ते दाम से भारत में इसका असर दिखाई दे रहा है. अल नीनो के चलते भारत और थाईलैंड में गन्ने की फसल पर असर पड़ा है. जिसके कारण चीनी की कीमतों में इतना उछाल आया है. इससे पहले साल 2010 में चीनी की कीमतों में तेजी देखी गई थी.

वहीं, कंज्यूमर मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र की एक्स-मिल कीमत बढ़कर वर्तमान में 3,630-3,670 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जो 1 अगस्त को 3,520-3550 रुपये प्रति क्विंटल थी, उत्तर प्रदेश में भी एक महीने में लगभग 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ने की संभावना है. यानि 1 रुपए प्रति किलो तक चीनी के दाम बढ़ सकते हैं.

कब मिलेगी राहत

एफएंडओ का शुगर प्राइस इंडेक्स लगातार दूसरी महीने बढ़ा है. सितंबर महीने की रिकॉर्ड तेजी से पहले अगस्त महीने में भी इस सूचकांक में तेजी देखी गई थी. जानकारों के मुताबिक, इसका कारण अल नीनो है. जिसके चलते गन्ने के उत्पादन खराब हुआ है. अगर गन्ने की उपज प्रभावित होगी तो सीधे तौर पर चीनी के प्रोडक्शन और कीमतों पर असर पड़ेगा. फिलहाल चीनी की कीमतों में अभी राहत मिलने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं. लोगों को फेस्टिव सीजन में भी महंगी चीनी का इससे फिलहाल राहत मिल पाने का कोई संकेत भी नहीं दिख रहा है.