इजराइल की 300 से ज्यादा कंपनियों का भारत में है निवेश, हीरे से हथियारों तक का होता है कारोबार

इजराइल की 300 से ज्यादा कंपनियों का भारत में है निवेश, हीरे से हथियारों तक का होता है कारोबार

इजराइल और हमास के बीच का तनाव इस समय चरम पर है. इससे भारत भी चिंता में पड़ गया है, क्योंकि भारत और इजराइल के संबंध काफी गहरे हैं, इतब ही नहीं दोनों देशों का व्यापार भी काफी बड़ा है. इजराइल की 300 से ज्यादा कंपनियों का निवेश भारत में है, तो भारत हर साल करीब 3500 तरह के सामान इजराइल को एक्सपोर्ट करता है. आखिर कितना बड़ा है ये व्यापार....

इजराइल और हमास के बीच की लड़ाई ने भारत के लिये चिंता बढ़ा दी है. एक तरफ भारत को इजराइल में फंसे अपने नागरिकों की चिंता है, तो दूसरी तरफ अरबों डॉलर के व्यापार पर इस युद्ध का असर पड़ने की आशंका. भारत और इजराइल दोनों लंबे समय से एक दूसरे के सामरिक और व्यापारिक दोस्त रहे हैं, और मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भी कई दौर की बातचीत कर चुके हैं.

इजराइल के लिए भारत एशिया में तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, वंही भारत बड़ी मात्रा में इजराइल को निर्यात करता है. इतना ही नहीं इजराइल में कंस्ट्रक्शन और नर्सिंग फील्ड में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. 40,000 से ज्यादा भारतीय इस समय इजराइल के अलग-अलग इलाकों में काम करते हैं.

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300 इजराइली कंपनियों का भारत में निवेश

भारत-इजराइल के बीच अगर व्यापारिक संबधों की बात की जाए तो 300 से ज्यादा इजराइली कंपनियों ने भारत में निवेश किया है. इजराइल से भारत में होने वाला एफडीआई 28.5 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है. वंही भारतीय प्रॉजेक्ट्स में इजराइली निवेश 27 करोड़ डॉलर को पार कर चुका है.

भारत और इजराइल के बीच अगर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट को देखें तो बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने इजराइल से करीब 1400 तरह के समान का आयात किया. इसमें मोती, रत्न-आभूषण, फर्टिलाइजर, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट और क्रूड इत्यादि शामिल है. ये व्यापार करीब 2.32 अरब डॉलर का है.

दूसरी ओर भारत ने इजराइल को करीब 3500 वस्तुओं का निर्यात किया है. 2022-23 में ये करीब 8.45 अरब डॉलर का रहा है. भारत इजराइल को तराशे हुए हीरे, ज्वेलरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान की सप्लाई करता है. दोनों देश 2022 से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर आपस में बातचीत कर रहे हैं.

अडानी का बड़ा निवेश

उद्योगपति गौतम अडानी ने भी इजराइल में बड़ा निवेश किया है. इजराइल के सबसे बड़े बंदरगाह हाइफा पोर्ट को लेकर अडानी पोर्ट और गडोट के बीच 1.18 अरब डॉलर की डील हुई है. जबकि दोनों देशों ने स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी में सहयोग के लिए कई समझौते किये हैं. सोलर, पवन और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों मिलकर काम कर रहे हैं.

इजराइल की मदद से भारत वाटर टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रहा है. इसके लिए आईआईटी मद्रास में एक वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट और वाटर टेक्नोलॉजी सेंटर बनाया गया है. एग्रीकल्चर सेक्टर में भी भारत को इजराइल की टेक्नोलॉजी मिल रही है.

इतना ही नहीं, इजराइल के लिए भी भारत बहुत जरूरी है. भारत इजराइल से हथियार खरीदने वाला सबसे बड़ा देश और सबसे बड़ा खरीदार है. भारत ने इजराइल से अब तक कई सैन्य हथियार और प्रणालियां खरीदी हैं.