RBI Monetary Policy Live: FY24 में 7.8 फीसदी रह सकती है ग्रोथ रेट, महंगाई 6 फीसदी से नीचे
RBI Monetary Policy 2023 Live: साल 2023 में आरबीआई ने रेपो दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा कर दिया है. जिसके बाद रेपो दरें 6.50 फीसदी हो गई हैं.
RBI Monetary Policy Live: FY24 में 7.8 फीसदी रह सकती है ग्रोथ रेट, महंगाई 6 फीसदी से नीचे
RBI Monetary Policy 2023 Live: साल 2023 में आरबीआई ने रेपो दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा कर दिया है. जिसके बाद रेपो दरें 6.50 फीसदी हो गई हैं.
LIVE NEWS & UPDATES
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अपरिवर्तित नीति दर बनाए रखेगा आरबीआई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आज 25 आधार अंकों की दर वृद्धि आम सहमति की अपेक्षाओं के अनुरूप रही है. हालांकि, हमने महसूस किया कि इस बार दर में ठहराव की संभावना कम से कम 50% थी. महंगाई के मोर्चे पर, अप्रैल 2022 के बाद भारत में बड़ी नरमी इस नीति में गतिरोध की उम्मीद करने का मुख्य कारण थी. इसके विपरीत, ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक वर्ष से अधिक समय से उच्च और स्थिर कोर मुद्रास्फीति के बारे में अधिक चिंतित है.
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड, ईसीबी, और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार दरों में बढ़ोतरी और विदेशी मुद्रा बाजार में इनके प्रभाव ने भारतीय रिजर्व बैंक के एक और दर वृद्धि के फैसले को प्रभावित किया. जब तक महंगाई में अप्रत्याशित वृद्धि नहीं होती है, तो भारतीय रिजर्व बैंक 2023 के शेष के लिए अपरिवर्तित नीति दर बनाए रखेगा. यह कर्ज और इक्विटी बाजार दोनों के लिए सकारात्मक होगा.
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भूकंप से 8300 से ज्यादा लोगों की मौत- AFP
तुर्की और सीरिया में रविवार को आए भीषणतम भूकंप की वजह मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, अब तक भूकंप से 8300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले सीरिया में 2400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
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इस तरह के कर्ज होंगे महंगे, बढ़ जाएगी ईएमआई
रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी.
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तेजी से डेटा पर निर्भर हो जाएगा आरबीआई
आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी कर दी है. वित्त वर्ष 2024 में महंगाई औसतन 5.2% के आस-पास रह सकती है और वृद्धि के प्रतिकूल जोखिम बढ़ने की संभावना है. आरबीआई तेजी से डेटा पर निर्भर हो जाएगा और महंगाई-विकास की गतिशीलता पर पिछली दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव को देखेगा. आरबीआई अगली नीति से रुकेगा और मार्च-अप्रैल में अधिक सख्त होने के कारण बदलाव की संभावना है.
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राहत की सांस ले सकते हैं एशिया के केंद्रीय बैंक
तेजी से विकसित हो रही वैश्विक सख्ती अभी भी अपेक्षित है, वृद्धि की धीमी गति ने वित्तीय स्थितियों को कुछ हद तक आसान कर दिया है. यह संकेत देता है कि आरबीआई सहित ईएम एशिया के केंद्रीय बैंक राहत की सांस ले सकते हैं.
- 25 बीपीएस की इस बढ़ोतरी के साथ, एक साल आगे अनुमानित वास्तविक रेपो दर काफी सकारात्मक हो जाएगी. आरबीआई बहुत अधिक प्रतिबंधात्मक नहीं होगा, लेकिन विश्व स्तर पर स्थिति अस्थिर है, और मैक्रो आंकलन के लिए नीतिगत दृष्टिकोण से आगे उचित समायोजन की आवश्यकता हो सकती है. वैश्विक व्यवधान और अवस्फीति की सीमा भी आगे आरबीआई के प्रतिक्रिया कार्य के लिए महत्वपूर्ण रहेगी.
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वित्त वर्ष 24 में डेटा पर निर्भर रहेगी एमपीसी
FY24 के लिए MPC का ग्रोथ आउटलुक अनुमानों से अधिक है, हालांकि संभावित GDP ग्रोथ के हमारे आंकलन के समान है. यह उस अवधि के लिए समिति के अपेक्षा से अधिक महंगाई प्रक्षेपण में शामिल हो सकता है, अपरिवर्तित रुख से संकेतित निरंतर सतर्कता को रेखांकित करता है.
यदि महंगाई एमपीसी के अनुमानों से अधिक हो जाती है तो आगे की दर में वृद्धि के लिए रास्ते खुल जाते हैं. अब उम्मीद हैं कि एमपीसी वित्त वर्ष 24 में सतर्क और डेटा पर निर्भर रहेगी.
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95 डॉलर प्रति बैरल पर रह सकती है कच्चे तेल की कीमत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को उम्मीद है कि 2023-24 में खुदरा महंगाई औसतन 5.3 प्रतिशत रहेगी.
- आरबीआई गवर्नर का कहना है कि चालू वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई के पूर्वानुमान को 20 आधार अंकों से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है.
- भारत में कच्चे तेल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल पर रह सकती है.
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मर्चेंट भुगतान के लिए यूपीआई का उपयोग करने की मिलेगी अनुमति
भारत में आने वाले सभी यात्रियों को मर्चेंट भुगतान के लिए यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है, जबकि वे देश में हैं. शुरुआत में इस सेवा की अनुमति चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर आने वाले G-20 देशों के यात्रियों को दी जाएगी. देश के 12 शहरों में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें एक मशीन क्यूआर कोड के आधार पर सिक्कों की बिक्री करेगी.
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2024 में 5.3 फीसदी रह सकती है महंगाई
वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर 5.3 फीसदी रह सकती है.
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जुलाई से एफपीआई फ्लो में सुधार के संकेत
वित्त वर्ष के पहले हाफ में बढ़ने के बाद 3 तिमाही में करंट अकाउंट डेफिसिट की स्थिति में सुधार हुआ है.
- चालू खाता घाटा दूसरे हाफ में कम होने की उम्मीद है.
- जुलाई से एफपीआई फ्लो में सुधार के संकेत मिले हैं.
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2023 में 6.5 फीसदी रह सकती है महंगाई
- वित्त वर्ष 2023 में महंगाई दर 6.5 फीसदी रह सकती है.
- वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है.
- वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 5.6 फीसदी रह सकती है.
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नए वित्त वर्ष में ये रह सकती है जीडीपी ग्रोथ
- नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी अनुमान - 7.8 फीसदी
- नए वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी अनुमान - 6.2%
- नए वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी अनुमान - 6%
- नए वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी अनुमान - 5.8%
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2024 में 4 फीसदी से ज्यादा रह सकती है महंगाई
वित्त वर्ष 2024 में महंगाई 4 फीसदी से ज्यादा रह सकती है औरवित्त वर्ष 2023—24 में रियल जीडीपी 6.4 फीसदी तक रह सकती है.
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आरबीआई ने 6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी की
RBI Monetary Policy: ब्याज दरों पर फैसले के लिए 6 फरवरी से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी. इससे पहले दिसंबर में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने 6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी की है. मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है. इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी. तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था. लेकिन RBI ने दो और तीन मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था.
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पिछली मीटिंग में 5.90% से बढ़कर 6.25% हो गई थी ब्याज दरें
ब्याज दरों पर फैसले के लिए 6 फरवरी से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी. इससे पहले दिसंबर में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई द्वारा 6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी की गई. मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है. इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी. तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था.
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शेयर बाजार में बंपर उछाल
शेयर बाजार में बंपर उछाल, सेंसेक्स में 500 अंकों की तेजी, निफ्टी में 150 अंकों का उछाल
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होम लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा
महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% का इजाफा किया है. इससे रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक है. लगातार छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा, 6.25 से बढ़कर 6.50 हुआ
महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% का इजाफा किया है. इससे रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक है.
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पॉलिसी रेपो रेट में बढ़ोतरी
लोन ईएमआई में इजाफा, रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा
6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में इजाफे का समर्थन किया.
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रेपो रेट के ऐलान से पहले शेयर बाजार में तेजी
रेपो रेट के ऐलान से पहले शेयर बाजार में तेजी, बीएसई सेंसेक्स 240.19 अंक उछलकर 60,526.23 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 75.90 अंक की बढ़त के साथ 17,797.40 अंक पर खुला.
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25 बेसिस प्वाइंट का हो सकता है इजाफा
विश्लेषकों के मुताबिक, आरबीआई बुधवार को रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर सकता है. श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस के एमडी और सीईओ रवि सुब्रमण्यन ने कहा कि एमपीसी विद्ड्रॉल ऑफ अकॉम्डेशन के अपने रुख को बनाए रखने और दर में वृद्धि की गति को कम करने की संभावना है. सुब्रमण्यन ने कहा कि आरबीआई रेपो रेट में मामूली 25 बीपीएस की बढ़ोतरी कर सकता है क्योंकि महंगाई का दबाव कम हो गया है. खुदरा महंगाई 6 फीसदी के अपर टॉलरेंस बैंड के भीतर है और फूड इंफ्लेशन कम हो गई है. हाउसिंग क्रेडिट ग्रोथ रिटेल क्रेडिट ग्रोथ का नेतृत्व कर रहा है, जो 15 फीसदी से अधिक बढ़ रहा है.
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एसएंडपी ने कहा - नहीं बढ़नी चाहिए ब्याज दर
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स मानना है कि भारत की महंगाई में लगातार कमी आ रही है, ऐसे में 6.25 फीसदी के ऊंचे लेवल तक पहुंच चुके पॉलिसी रेट में और इजाफे की जरूरत सीमित रह गई है. एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मुख्य महंगाई लंबे समय उच्चस्तर पर रहने के बाद 2022 की दूसरी छमाही से नीचे आ रही है. वहीं पॉलिसी रेट पहले ही 6.25 फीसदी के ऊंचे लेवल हैं. ऐसे में आरबीआई को पॉलिसी रेट में इजाफे के बारे में नहीं सोचना चाहिए या फिर इसकी पेस को बेहद कम रखना चाहिए.
RBI Monetary Policy 2023 Live Update : सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या आरबीआई ब्याज दरों में इजाफे पर विराम लगाएगा या फिर 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करेगा? सभी की निगाहें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास पर होंगी. वास्तव में आज आरबीआई वित्तीय वर्ष के आखिरी पॉलिसी रेट का ऐलान करेंगे. कई विशेषज्ञों का मानना है कि एमपीसी चीफ पॉलिसी रेट में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकते हैं, जबकि एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक महंगाई के निचले क्रम को देखते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के क्रम में विराम लगा सकते हैं. आपको बता दें कि साल 2022 में आरबीआई ने रेपो दरों में 2.25 फीसदी का इजाफा कर दिया है. जिसके बाद रेपो दरें 6.25 फीसदी हो चुकी हैं.
Published On - Feb 08,2023 9:46 AM