PM Modi US Visit: मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत में आएगी सेमीकंडक्टर क्रांति, 60 हजार भारतीय इंजीनियरों को मिलेगी ट्रेनिंग
अमेरिकी सेमीकंडक्टर एसोसिएशन और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के साथ आने से ना केवल व्यवसायिक लाभ मिलेगा बल्कि इस फ़ील्ड में भविष्य की ज़रूरतों के मुताबिक बदलाव भी होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर हैं. इससे दोनों देशों के बीच हुए समझौते से यह उम्मीद जगी है कि ताइवान के बाद अब भारत भविष्य में सेमी कंडक्टर की दुनिया का लीडर बन सकता है. कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में अपनी यूनिट लगाने, मौजूदा काम का विस्तार करने और सेमी कंडक्टर फ़ील्ड में भारत की मज़बूत दावेदारी के लिए इकोसिस्टम डेवलप करने की बात कही है.
अमेरिकी सेमीकंडक्टर एसोसिएशन और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के साथ आने से ना केवल व्यवसायिक लाभ मिलेगा बल्कि इस फ़ील्ड में भविष्य की ज़रूरतों के मुताबिक़ नये शोध होंगे, टेलेंट को प्रोत्साहन मिलेगा और ग्लोबल सप्लाई चेन को जारी रखा जा सकेगा.
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गुजरात में लगायेगी अमेरिकी कंपनी अपना सेमीकंडक्टर यूनिट
सेमीकंडक्टर में अमेरिका की अग्रणी कंपनी – Micron Technology ने गुजरात में एक बड़ी फैक्टरी लगाने का फैसला किया है. Micron के मुताबिक पहले चरण में पाँच लाख वर्ग फ़ीट एरिया में यूनिट लगाने का काम इसी साल शुरू होगा और अगले साल यानी 2024 के आख़िर तक यह चालू हो जाएगा. Micron ने उम्मीद जतायी है कि दूसरे फ़ेज़ को वर्ष 2025 से 2030 के बीच शुरू किया जा सकेगा. प्रोजेक्ट में कंपनी की तरफ़ से 825 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की गयी है जबकि भारत सरकार और गुजरात राज्य की तरफ़ से कुल 1925 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद दी जाएगी.
इसमें पांच हज़ार लोगों को सीधी नौकरी मिलेगी जबकि पंद्रह हज़ार लोगों के लिए रोज़गार के नये अवसर पैदा होंगे. सेमी कंडक्टर के इस यूनिट में DRAM और NAND केटेगरी के उत्पादों की असेम्बलिंग और टेस्टिंग होगी. कंपनी का ज़ोर सेमीकंडक्टर के लिए सबसे अहम माने जाने वाले वेफर्स को BGA तकनीक वाली इंटिग्रेटेड सर्किट पैकेज, मेमोरी माँड्यूल्स एवं साँलिड स्टेट ड्राइव्स (SSD) में रूपांतरित करने की होगी. भारत के घरेलू माँगो की पूर्ति के अलावे दुनिया भर में भी सप्लाई किया जा सकेगा.
60000 भारतीय इंजीनियरों को मिलेगी ट्रेनिंग
अमेरिकी कंपनी लैम रिसर्च ने अगले दस साल में साठ हज़ार भारतीय इंजिनियरों को विशेष ट्रेनिंग देने की घोषणा की है ताकि सेमीकंडक्टर फ़ील्ड में विशेषज्ञों की कमी को दूर किया जा सके. इलेक्ट्रिक गाड़ियों से लेकर आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की दुनिया में सेमीकंडक्टर के इस्तेमाल को देखते हुए बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में लोगों की ज़रूरत है. शैक्षणिक संस्थानों में मौजूद सुविधायें पर्याप्त नहीं है.
लैम रिसर्च ने भारतीय शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर वर्चुअल सेमीकंडक्टर इनोवेशन यूनिवर्स बनाने का ऐलान किया है जो भारतीय चिप इंडस्ट्री को अगले स्तर तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है. अमेरिकी कंपनी अप्लायड मेटेरियल्स ने बैंगलोर स्थित अपने यूनिट में ऐसे इंजीनियरिंग सेंटर विकसित करने का ऐलान किया है जहां अप्लायड इंजिनियरों और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के बड़े सप्लायर्स और इस फ़ील्ड में शोध करने वाले संस्थानों को एक प्लेटफ़ार्म पर लाया जा सकेगा.