PM Modi in US: व्हाइट हाउस में दिखा India Inc का दम, डिनर टेबल बनी ‘बिजनेस डिप्लोमेसी’ का मंच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर का आयोजन किया था. लेकिन ये डिनर सामान्य मेहमान नवाजी से आगे बढ़कर 'डिप्लोमेसी' का मंच था. भारत की इकोनॉमी को बूस्ट मिले इसके लिए यहां पर इंडिया के कॉरपोरेट जगत ने भी जबरदस्त जलवा दिखाया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में जो ‘स्टेट डिनर’ रखा, असल में देखा जाए तो वह ‘डिप्लोमेसी’ का एक मंच था. इस ‘डिनर’ में अमेरिका की राजनीति से जुड़े नामचीन लोग तो शामिल हुए ही, बल्कि कई बड़ी कंपनियों के प्रमुख भी शामिल हुए. वहीं सिर्फ अमेरिकी कंपनियों के ही नहीं, बल्कि भारतीय उद्योगपति भी इस डिनर में पहुंचे. गेस्ट की लिस्ट देखने जाएंगे तो संख्या करीब 200 पहुंचेगी.
भारत से इस डिनर में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शामिल हुईं. साथ ही सोशल मीडिया पर छाए रहने वाले उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी शिरकत की. वहीं नई पीढ़ी के उद्योगपतियों में जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ भी इस डिनर में शामिल होने पहुंचे. जबकि कई अमेरिकी कंपनियों के भारतीय मूल के सीईओ भी इस डिनर में ‘बिजनेस डिप्लोमेसी’ करते नजर आए.
इसे भी देखें : अडानी के लिए बुरा रहा ये सप्ताह, इतना गिर गया शेयर
गूगल-एपल-माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्रतिद्वंदी भी एक जगह पर
‘डिप्लोमेसी’ की यही खासियत होती है जो चिर प्रतिद्वंदियों को भी एक मंच पर ला देती है. यही व्हाइट हाउस के स्टेट डिनर में भी देखने को मिला. गूगल, एपल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां कॉम्पटीशन के मामले में एक-दूसरे की चिर विरोधी हैं. लेकिन इस डिनर में गूगल के सुंदर पिचाई से लेकर एपल के टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला और एडोबी के शांतनु नारायण भी पहुंचे.
वहीं पेप्सिको की इंदिरा नूयी, नेटफ्लिक्स के बेला बजारिया, डिजाइन कंपनी फ्लेक्स की सीईओ रेवथी अदवैथी, ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन, बोइंग के सीईओ डेविड कैलुहन, मैरियट इंटरनेशनल के सीईओ एंथनी कैपुआनो और सुपर बायोलॉजिक्स के मनीष चांदवानी ने भी शिरकत की.
डिनर डिप्लोमेसी से इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट!
अब बात करते हैं डिनर में जुटने वाले इतने उद्योगपति दिग्गजों से इकोनॉमी को मिलने वाले बूस्ट की. तो आपको बताते चलें कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. इसलिए दुनियाभर की कंपनियां यहां आने को बेताब हैं. जबकि भारतीय उद्योगपति अब वैश्विक कारोबार में अपना दम दिखा रहे हैं, इसलिए भी डिनर में उद्योगपतियों का इस तरह मिलना काफी अहम है.
ये भी पढ़ें: ग्लोबल चेन का भविष्य बनेंगे भारत और अमेरिका, मोदी की यात्रा का असर
बोइंग भारत में टाटा के साथ जेट इंजन बनाने का प्लांट लगा रहा है. देश के तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट के चलते एसे कारोबार विस्तार के लिए भारत का बाजार चाहिए. हाल में एअर इंडिया और बोइंग के बीच 200 से बधिक प्लेन खरीदने की डील भी हुई है. दूसरी ओर एपल ने भारत में अपने स्टोर खोले हैं और मैन्यूफैक्चरिंग भी बढ़ाई है. जबकि गूगल का भारत में बड़ा निवेश है, साथ ही मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में उसकी हिस्सेदारी भी है.
हाल में ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन भारत आए थे, जो भारत में एआई की बढ़ती संभावनाओं को देखते हैं. वहीं भारत दुनिया के सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स पैदा करने वाले देशों में है. इसलिए माइक्रोसॉफ्ट और एडोबी जैसी कंपनियों का भी भारत के बाजार में इंटरेस्ट है.