मोदी सरकार के लिए बहुत अच्छी खबर, बढ़ गया टैक्स कलेक्शन
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अब तक 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 13.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित लक्ष्य का 83 फीसदी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शनिवार को यह जानकारी दी.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अब तक 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 13.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित लक्ष्य का 83 फीसदी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शनिवार को यह जानकारी दी. सकल आधार पर यह कलेक्शन 22.58 फीसदी बढ़कर 16.68 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 1 अप्रैल, 2022 से 10 मार्च, 2023 के दौरान 2.95 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 59.44 फीसदी ज्यादा रहे हैं.
इनकम टैक्स ने निभाया बड़ा रोल
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.73 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.78 फीसदी ज्यादा है. इस वित्त वर्ष में अब तक कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 13.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो पूरे वित्त वर्ष के लिए 83 फीसदी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शनिवार को यह जानकारी दी है.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में ग्रोथ में निजी इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स शामिल है. इसमें PIT कलेक्शन ने भी अहम भूमिका निभाई है. ग्रॉस बेसिस पर, कलेक्शन 22.58 फीसदी बढ़कर 16.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. 1 अप्रैल 2022 से 10 मार्च 2023 तक कुल 2.95 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 59.44 फीसदी ज्यादा रहा है.
दो तरह से मिलता है डायरेक्ट टैक्स
देश में डायरेक्ट टैक्स दो तरह से कलेक्ट किया जाता है. एक कॉरपोरेट टैक्स के तौर पर, दूसरा इंडिविजुअल के इनकम टैक्स के तौर पर. वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2022-23 के बीच पांच साल में विभिन्न उत्पादों पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए सेस और सरचार्ज के कलेक्शन में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जो कलेक्शन 2017-18 में 2,18,553 करोड़ रुपये था वो वित्त वर्ष 2022-23 में 5,10,549 करोड़ रुपये हो गया है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 271 के तहत संघ के उद्देश्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सेस और सरचार्ज लगाया जाता है.
भारत में लगाए जाने वाले कुछ अलग प्रकार के सेस में मोटर वाहनों पर इंफ्रा सेस, सर्विस वैल्यू पर एग्री वेलफेयर सेस, स्वच्छ भारत सेस, एजुकेशन सेस और कच्चे तेल पर सेस शामिल हैं. सेस टैक्स पर भी टैक्स है.