जबलपुर डबल मर्डर: ‘मैं मुकुल हूं’… प्रेमिका के पिता-भाई को मारने वाले ने थाने में किया सरेंडर

जबलपुर डबल मर्डर: ‘मैं मुकुल हूं’… प्रेमिका के पिता-भाई को मारने वाले ने थाने में किया सरेंडर

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अपने पिता और भाई की हत्या कराने वाले लड़की दो दिन पहले हरिद्वार से पकड़ी गई थी, जबकि उसका प्रेमी मुकुल सिंह फरार हो गया था. शुक्रवार को मुकुल सिंह ने सिविल लाइन थाने में पहुंचकर सरेंडर किया और हत्या की पूरी कहानी पुलिस के सामने बयां की.

मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुए दोहरे हत्याकांड में के मामले में नाबालिग बेटी के हरिद्वार से गिरफ्तार होने के बाद आरोपी प्रेमी ने भी सिविल लाइन पुलिस थाने पहुंचकर सरेंडर कर दिया. इस हत्याकांड में प्रेमिका के पिता को रास्ते से हटाना था, जिसकी स्क्रिप्ट प्रेमी और प्रेमिका ने मिलकर मोज ऐप के जरिए लिखी थी. घटना में उपयोग किए गए समान दोनों ने ऑनलाइन और दुकानों से पहले ही खरीद लिए थे. मुख्य आरोपी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर खुद कुबूल किया कि उसने प्रेमिका के पिता और भाई का कत्ल किया है. इस डबल मर्डर केस में प्रेमिका ने घटना को अंजाम देने में प्रेमी का पूरा साथ दिया था. पुलिस का कहना है कि प्रेमिका से रेप के मामले में सजा होने के डर से मुकुल ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया.

सितंबर महीने में मृतक राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी नाबालिग बेटी के प्रेमी मुकुल सिंह के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में पाक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में जेल से छूटने के बाद आरोपी मुकुल सिंह अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर उसके पिता को रास्ते से हटाने का प्लान बना रहा था. हालांकि, राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी नाबालिग बेटी को इटारसी में रिश्तेदार के घर भेज दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी वह सोशल मीडिया के जरिए मुकुल के संपर्क में बनी हुई थी.

मुकुल को भी इस बात का भय था कि राजकुमार विश्वकर्मा अपनी नाबालिग बेटी से बयान दिलवाकर पाक्सो एक्ट में उसे सजा दिलवा देंगे. पुलिस के मुताबिक, कई महीनों की प्लानिंग के बाद 15 मार्च की सुबह 8 बजे के आसपास आरोपी मुकुल सिंह मिलेनियम कॉलोनी स्थित राजकुमार विश्वकर्मा के फ्लैट पर पहुंचा और अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी. इसी बीच प्रेमिका का आठ साल का भाई तनिष्क अपने पिता को बचाने के लिए आया तो मुकुल ने धारदार हथियार के प्रहार से उसकी भी हत्या कर दी.

हत्या के बाद खून देखकर डर गए दोनों

दोनों आरोपियों का इरादा शव को टुकड़े-टुकड़े करके ठिकाने लगाने का था, लेकिन खून देखकर वे डर गए. कत्ल के बाद उन्होंने दोनों शवों को पॉलिथीन में पैक किया. भाई के शव को फ्रिज के अंदर रख दिया. आरोपियों ने घटना के बाद खून साफ किया. घर में अगरबत्ती लगा दी, ताकि शव की बदबू आसपास न फैले. एडिशन एसपी क्राइम ब्रांच समर वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी और उसकी प्रेमिका दोनों मोज ऐप के जरिए लगातार चैटिंग करते थे और इसी के जरिए दोनों ने वारदात की स्क्रिप्ट लिखी थी.

आरोपी मुकुल साउथ इंडियन क्राइम की फिल्म देखता था. उसी को ध्यान में रखकर क्राइम सीन की योजना बनाई थी. 5 सितंबर 2023 को पिछले साल भी यह दोनों घर से गायब हो गए थे. तब पुलिस के द्वारा इनको अगले दिन पकड़ लिया गया था, जिसमें लड़की की गवाही महत्वपूर्ण थी और लड़की का पिता हरहाल में मुकुल को इसकी सजा दिलवाना चाहता था. यही बात मुकुल के मन में बार-बार आ रही थी. यही वजह थी कि राजकुमार को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमिका के साथ मिलकर योजना बनाई थी.

प्रेमिका ने ही आरोपी को घर के अंदर बुलाया

पुलिस के मुताबिक, घटना की रात नाबालिग लड़की ने ही दरवाजा खोलकर मुकुल को घर के अंदर किया था. यह इस तरह से दिखाने के लिए की कोई बाहर से आया था और लड़की ने सहयोग नहीं किया. प्लान के मुताबिक, पीछे बालकनी के दरवाजे को एक गैस कटर से भी काटा गया, जिससे पुलिस या लोग यह सोचेंगे कि रात में अचानक पीछे से कोई घुसा था और चोरी की घटना करने के दौरान यह घटनाक्रम हो गया, लेकिन जब अगले दिन सुबह से फोन आना चालू हो गए और लोगों ने घंटी बजाना चालू कर दी. इस कारण से उनको लगा कि अब इस बात को छुपा नही पाएंगे.

किसी भी होटल में नहीं रुकते थे दोनों

पुलिस ने बताया कि फरारी के दौरान यह लोग नौ राज्यों में घूमते रहे. तरीका यह था कि किसी भी जगह स्थान में रात में होटल में रुकते नहीं रुकते थे, क्योकि इनके पास इतना पैसा नहीं था और दूसरा यह रुकते तो पकड़े जाने का भी डर था. पिछले एक महीने पहले पुलिस ने अकाउंट भी सीज कर दिया, जिस कारण से उनके पास पैसे भी नहीं थे. इसलिए दोनों अमृतसर और हरिद्वार के बीच एक ट्रेन चलती है, उससे ही रोज सफर कर रहे थे. क्योंकि दोनों जगह लंगर में खाने का मिल जाता था.

वारदात को अंजाम देने के बाद कहां-कहां गया आरोपी?

पुलिस ने अपनी जानकारी में यह भी बताया कि आरोपी हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद कटनी से इंदौर, इंदौर से पुणे, पुणे से बेंगलुरु, बेंगलुरु से गुलबर्गा एक जगह वहां से वापस मुंबई तक नागपुर से उड़ीसा से कोलकाता, गुवाहाटी, यूपी के मथुरा वृंदावन, झांसी, ग्वालियर के आसपास घूमते रहे. इसके बाद अमृतसर और हरिद्वार के बीच में ज्यादा खाने की सुविधा थी. इसलिए दोनों ने वहां अपना डेरा जमा लिया था.