विवेक विहार अग्निकांड के बाद एक्शन में ACB, प्राइवेट अस्पतालों की शुरू की जांच

विवेक विहार अग्निकांड के बाद एक्शन में ACB, प्राइवेट अस्पतालों की शुरू की जांच

विवेक विहार अस्पताल में आग की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार कर चुकी है. घटना में यह बात सामने आई थी कि अस्पताल में फायर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया गया है. जांच में पता चला है कि अस्पताल का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा था, क्योंकि उसके लाइसेंस की समय सीमा 31 मार्च को समाप्त हो गई थी.

दिल्ली के विवेक विहार अस्पताल में आग की घटना के बाद एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) एक्शन में आ गया है. एसीबी ने राजधानी दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के पंजीकरण और नियामक प्रबंधन की जांच शुरू कर दी है. विवेक विहार अग्निकांड में सात बच्चों की मौत हुई थी जबकि कई बुरी तरह से झुलस गए थे.

पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि एसीबी की टीम ने पिछले 48 घंटे में पूर्वी दिल्ली में 40 प्राइवेट मेडिकल सेंटर का दौरा कर उनका निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को कई मेडिकल सेंटर में खामियां भी मिली हैं. एसीबी की टीम अस्पतालों और मेडिकल सेंटर का दौरान वहां, सुरक्षा के लिहाज से की व्यवस्थाओं का भी मुआयना कर रही है और रिपोर्ट ले रही है.

एसीबी ने चार टीमों का किया है गठन

अधिकारियों ने बताया कि एसीबी ने अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए चार निरीक्षक स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में चार टीम गठित की है. बताया जा रहा है कि टीम को राजधानी की सभी प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण करने में कुछ सप्ताह का वक्त भी लग सकता है.

शुक्रवार को टीम ने कम से कम 15 अस्पतालों और नर्सिंग होम का निरीक्षण किया वे विवेक विहार और उसके आसपास के इलाकों में स्थित हैं. टीम इन सभी अस्पतालों का दौरा वहां खामियों और कमियों की पहचान कर रही है और रिपोर्ट भी तैयार कर रही है.

घटना में अब तक 7 बच्चों की मौत

विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में 25 मई को आग लग गई थी. इस घटना में 6 नवजात की जलने और दम घुटने से मौत हो गई थी. घटना के वक्त पांच घायल बच्चों को बचाया गया था, जिसमें से एक की शुक्रवार को मौत हो गई. इस तरह से देखें तो घटना में अब तक 7 बच्चों की मौत हो चुकी है.

अस्पताल में आग की घटना के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को राजधानी में निजी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन की एसीबी से जांच करने का आदेश दिया था. उपराज्यपाल के आदेश के बाद एसीबी ने टीम गठित कर जांच शुरू की है.