आर्मी जवान बन गए लॉरेंस के गुर्गे…सोशल मीडिया से जुड़े, हथियारों के लिए घर में छापते थे नकली नोट
जोधपुर में एनआईए ने लॉरेंस के गुर्गे कैलाश मांजू के बंगले पर रेड की और इधर जोधपुर में बीते दिनों हुई सरपंच की हत्या मामले में भी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड फौजी उम्मेद सिंह के गैंगस्टर से संपर्क होने की जानकारी मिली है.
राजस्थान में मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 23 जगहों पर छापेमारी की जहां NIA के अधिकारी लॉरेंस गैंग के गुर्गों के अलग-अलग ठिकानों पर पहुंचे और सर्च ऑपरेशन चलाया. एनआईए ने राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई के अलावा रोहित गोदारा, नीरज बवाना सहित कई गैंगस्टर्स के ठिकानों पर छापा मारा. वहीं जोधपुर में लॉरेंस के गुर्गे कैलाश मांजू के बंगले पर टीम ने रेड की. दरअसल एनआईए की टीम लॉरेंस के सिंडिकेट कनेक्शन और हथियार की खरीद-फरोख्त के मामले में जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई का जोधपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क काम करता है जिसको मांजू ऑपरेट करता था. इस बीच जोधपुर में बीते दिनों हुई सरपंच की हत्या मामले में भी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड फौजी उम्मेद सिंह के गैंगस्टर से संपर्क होने की जानकारी मिली है.
बता दें कि लॉरेंस का गुर्गा और सरपंच की हत्या की प्लानिंग करने वाला मास्टरमाइंड उम्मेद सिंह सोशल मीडिया के जरिए गैंगस्टर के संपर्क में आया था जहां लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल के साथ मिलकर वह जोधपुर में दहशत फैलाने की तैयारी कर रहा था. पुलिस ने गैंग की मदद करने के आरोप में आर्मी के एक लांस नायक को भी दबोचा है.
नकली नोटों का बड़ा रैकेट
जोधपुर पुलिस को पता चला है कि लॉरेंस का गुर्गा उम्मेद सिंह जोधपुर में नकली नोटों का बड़ा रैकेट चला रहा था जिससे हथियारों की खरीद हो रही थी. पुलिस को शेरगढ़ (जोधपुर) उम्मेद सिंह के घर से करीब 3 लाख रुपए से ज्यादा के नकली नोट मिले हैं.
बताया जा रहा है कि इन्हीं नकली नोटों से उसने सरपंच चुन्नीलाल टांक को मारने के लिए हथियार खरीदे थे और करीब सात दिन पहले पुलिस उम्मेद सिंह को उसके शेरगढ़ (जोधपुर) स्थित चाबा गांव में उसके घर लेकर गई तो वहां एक नकली नोट छापने की मशीन भी मिली.
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि उम्मेद सिंह ने इंदौर के पास बड़वानी से हथियार खरीदे थे. बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर के पास जिला बड़वानी से फौजी उम्मेद सिंह अपने शार्प शूटर आयुष पंडित को साथ लेकर गया था और उसकी पसंद से हथियार खरीदे थे.
सोशल मीडिया से लॉरेंस से जुड़ा
वहीं पुलिस की जांच में पता चला है कि उम्मेद सिंह लॉरेंस से कभी नहीं मिला है और वह केवल सोशल मीडिया के जरिए ही गैंग के दूसरे लोगों और लॉरेंस को जानता है. वह काम करने के लिए वैसे लॉरेंस के भाई अनमोल के संपर्क में था. पुलिस ने बताया कि उममेद सिंह ने 6 साल तक फौज की नौकरी करने के बाद छोड़ दी जहां वह तीन से चार साल कुमाऊं यूनिट में तैनात रहा.
सिंह के साथ पकड़े गए समुंदर सिंह जो कि वर्तमान में लायंस नायक के पद पर 15 पैरा यूनिट में कार्यरत है. पुलिस को जानकारी मिली है कि समुंदर सिंह ने ही उम्मेद सिंह की मदद करते हुए अपने घर में हथियार रखवाए थे.