‘चूहा’ के बाद ‘नागराज’ भी गिरफ्त में, अब किसकी तलाश में जुटी MP पुलिस?

‘चूहा’ के बाद ‘नागराज’ भी गिरफ्त में, अब किसकी तलाश में जुटी MP पुलिस?

मध्य प्रदेश में अपराधियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए जबलपुर पुलिस ने एक नई मुहीम छेड़ दी है, पुलिस सभी हिस्ट्रीशीटर को एक-एक कर पकड़ने में लगी है. सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस इन दिनों चूहा, गिलहरी और नागराज की धर पकड़ में लगी हुई है. चूहा के बाद जबलपुर पुलिस ने नागराज को पकड़ कर एनएसए यानी कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है. नागराज के खिलाफ पुलिस में पहले ही 12 मामले दर्ज किए थे. नागराज ने बिजली विभाग के अधिकारी देवेंद्र सिंह के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद से पुलिस नागराज की लगातार तलाश कर रही थी.

शहर के लार्डगंज थाना प्रभारी हरिकिशन आठनेरे ने बताया कि बारिश से पहले बिजली कर्मचारी उजार पुरवा पूर्व क्षेत्र में 11 केवी और 33 केवी तार के आसपास झाड़ियों की छटाई का काम कर रहे थे. इसी दौरान नागराज आया और झाड़ियां काटने का विरोध करने लगा और बिजली कर्मचारियों से मारपीट कर दी. मारपीट का वीडियो भी सामने आया था जिसमें नागराज बिजली कर्मचारियों को बेरहमी से मारता-पीटता हुआ दिखाई दे रहा है.

ऐसे दबोचा गया नागराज

जिस पर लार्डगंज पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा डालने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर नागराज की तलाश शुरू की थी. देर रात लार्डगंज पुलिस को सूचना मिली कि नागराज एक मकान के पीछे बैठा हुआ है, पुलिस ने घेराबंदी करते हुए नागराज को दबोच लिया.

पुलिस का बैक टू बैक एक्शन

नागराज सहित अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी जबलपुर पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी. जिसके बाद पुलिस ने चूहा, बिल्ली, कौआ और गिलहरी जैसे उपनाम वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है. यह अभियान तब और महत्वपूर्ण हो गया जब पुलिस अधीक्षक ने नागराज की गतिविधियों को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना को प्रतिवेदन भेजा. इस प्रतिवेदन के आधार पर, कलेक्टर ने नागराज के खिलाफ वारंट जारी किया. जिसके परिणामस्वरूप उसे गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया.

कुख्यात अपराधी है नागराज

नागराज कोरी जबलपुर में काफी कुख्यात नाम है. उसकी गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. नागराज के अपराधों की लंबी सूची ने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था को काफी प्रभावित किया है. पुलिस का यह अभियान इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह एक सख्त संदेश देता है कि कानून तोड़ने वाले चाहे जिस भी नाम से जाने जाएं, वे कानून की पकड़ से बच नहीं सकते.