सरकारी मदद थी गायब, पानी की कमी से जूझते इस आदमी ने खोद ड़ाला 40 फुट का कुंआ
कुशल भील जिस इलाके में रहते हैं वहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि परिवार की दैनिक जरूरतों के लिए पीने का पानी भी दूर से लाना पड़ता है. काफी दूर से पानी लाने से थके कुशल ने आखिरकार खुद ही कुआं खोदना शुरू कर दिया है.
आपने अबतक बिहार के गया के रहने वाले दशरथ मांझी को सरकारी उदासीनता और उपेक्षा के चलते एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए पहाड़ खोदने की कहानी सुनी होगी. पर देश में हजारों लोग ऐसे हैं जो इन स्थितियों के चलते अपने बल पर ही अपनी सुविधाएं बनाने की कोशिश में जुट जाते हैं. गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में पानी की भारी कमी से जूझते एक आदिवासी व्यक्ति इसके तात्कालिक उदाहरण हैं.
जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के कदौली-मोहली गांव के रहने वाले कुशल भील अपने घर के ठीक सामने करीब 30-40 फीट गहरा कुआं खोद रहे हैं. भील का कहना है कि वे मानसून की बारिश शुरू होने तक कुआं खोदना जारी रखेंगे.