बंद कमरा और पैरों में जंजीर… इंजीनियर ने बीटेक छात्र को किया किडनैप, 8 दिन बाद ऐसे खुली पोल

बंद कमरा और पैरों में जंजीर… इंजीनियर ने बीटेक छात्र को किया किडनैप, 8 दिन बाद ऐसे खुली पोल

8 रात और 7 दिन के लगातार प्रयास के बाद आखिरकार जयपुर पुलिस ने नाहरगढ़ पहाड़ी से अपहृत बीटेक छात्र को धर्मपुर हिमाचल प्रदेश से बरामद कर लिया है. इस छात्र को एक साफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी प्रेमिका व तीन अन्य दोस्तों के साथ मिलकर अगवा किया था.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीटेक छात्र के अपहरण का हैरतंगेज खुलासा हुआ है. पुलिस ने एक सप्ताह पूर्व अपहृत इस छात्र को हिमाचल प्रदेश के सोलन से मुक्त करा लिया है. पुलिस ने 5 बदमाशों को अरेस्ट किया है. इसी दौरान पता चला है कि इस वारदात का मास्टरमाइंड खुद साफ्टवेयर इंजीनियर है और मूल रूप से भरतपुर के डीग का रहने वाला है. जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के मुताबिक मुख्य आरोपी वीरेंद्र की ननिहाल डीग भरतपुर में है.

पहले वह यही रहता था, हालांकि कुछ समय पहले वह हिमाचल प्रदेश के सोलन चला गया और अपनी प्रेमिका जमुना के लिवइन में रहने लगा. उन्होंने बताया कि 18 अगस्त की शाम को वह अपनी प्रेमिका जमुना और तीन अन्य साथियों जितेंद्र भंडारी निवासी अलवर, विनोद और अमित कुमार निवासी डीग भरतपुर के साथ नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर घूमने के लिए आया था. इसी दौरान यहां प्रताप नगर में रहने वाले 21 साल का अनुज भी अपने एक दोस्त के साथ आ गया. उसे देखकर आरोपियों को एक झटके में मोटी रकम कमाने का विचार आया.

नाहरगढ़ पहाड़ी से किया अपहरण

इसके बाद आरोपियों ने अनुज और उसके साथी को कई नशीला पदार्थ पिला दिया और अनुज को गाड़ी में डालकर उठा ले गए. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने अनुज के ही फोन से लोकेशन बदल बदल कर बार उसके घर वालों को फोन किया और 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी. चूंकि अनुज के पिता ऑटो चलाकर परिवार पाल रहे थे. वहीं उनका बेटा अनुज बीटेक की पढ़ाई कर रहा था, ऐसे में वह बड़ी मुश्किल से अपना खर्चा चला पा रहे थे.

हिमाचल प्रदेश से हुई गिरफ्तारी

ऐसे हालात में उन्होंने मामले की जानकारी पुलसि को दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन चैकमेट शुरू किया. पुलिस कमिश्नर बीजू जॉज जोसफ के मुताबिक आरोपी जिस शहर से गुजर रहे थे, वहीं से उसके घर वालों को फोन कर रहे थे. इसके चलते उनकी लोकेशन बार बार बदल रही थी. ऐसे में पुलिस ने भी उन्हें उनके ही तरीके से ट्रैक करने की कोशिश की और आखिरकार हिमाचलप्रदेश के धर्मपुर से अरेस्ट कर लिया है.

ऐसे हुई गिरफ्तारी

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने अनुज के ही फोन से उसकी मां को फोन पर फिरौती की रकम लेकर चंडीगढ़ स्टेशन पहुंचने को कहा था. इस दौरान पुलिस ने अनुज और उसकी मां के फोन को डायवर्जन पर लगा दिया. इधर, जैसे ही उसकी मां चंडीगढ़ स्टेशन पहुंची तो आरोपियों ने कहा कि शिमला जाने वाली ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठ जाए. जैसे ही ट्रेन धर्मपुर पहुंची, आरोपियों ने रुपयों से भरा बैग फेंकने को कहा. इस दौरान अनुज की मां आरोपियों से लगातार 4 मिनट तक बात करती रही. इस बातचीत से पुलिस को आरोपियों की लोकेशन ट्रैस करने में मदद मिली और उन्हें दबोच लिया गया.

भैंस बांधने की जंजीर से जकड़ा था अनुज

आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने जब उन्हें लेकर अनुज को मुक्त कराने पहुंची तो वह एक कमरे के अंदर सोया हुआ था. उसके हाथ और पैर भैंस बांधने की जंजीर से जकड़े हुए थे. अनुज ने बताया कि उसने एक बार भागने की भी कोशिश की थी. इसके लिए उसने कमरे में आग लगा दिया था. लेकिन आरोपियों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की और धमकी दी कि दोबारा ऐसा किया तो वह जान से मार देंगे.