आज है जल झूलनी एकादशी, पुण्य फल पाने के लिए जानें क्या करें और क्या न करें
आज भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी है. हिंदू धर्म में इसे जलझूलनी एकादशी पर्व के रूप में मनाया जाता है जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए जानी जाती है। इस पावन तिथि पर पुण्यफल पाने और पाप से बचने के लिए जानें क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए.
सनातन परंपरा में प्रत्येक माह की कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में पड़ने वाली एकादशी व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है. यह पावन तिथि भगवान श्री विष्णु की साधना-आराधना के लिए समर्पित है. मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत करने पर जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान श्री विष्णु की कृपा शीघ्र ही बरसती है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी है, जिसे डोल ग्यारस या फिर कहें जलझूलनी एकादशी या फिर परिवर्तनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. आज जल झूलनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु से मनचाहा वरदान पाने के लिए क्या करें और कया न करें, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
जल झूलनी एकादशी व्रत में क्या करें
- भगवान विष्णु की पूजा तुलसी दल के बगैर अधूरी मानी जाती है. ऐसे में जल झूलनी एकादशी व्रत वाले दिन साधक को श्री हरि की पूजा में उन्हें भोग लगाते समय उनकी सबसे प्रिय चीज यानि तुलसी दल को जरूर चढ़ाना चाहिए.
- जल झूलनी एकादशी के दिन आज भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप अधिक से अधिक जाप करना चाहिए. भगवान श्री विष्णु के मंत्र का जाप हमेशा पीले चंदन अथवा तुलसी की माला से करना चाहिए. माला को हमेशा गोमुख में डालकर ही मंत्र जप करना चाहिए. मंत्र को हमेशा अपने मन में ही जपना चाहिए.
- जलझूलनी एकादशी पर आज जरूरतमंद लोगों को यथाशक्ति दान करना चाहिए. एकादशी के व्रत को विधि-विधान से रखते हुए अगले दिन आंवला खाकर पारण करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने पर साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
जल झूलनी एकादशी व्रत में क्या नहीं करना चाहिए
- एकादशी के दिन पेड़ों से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. विष्णु प्रिया कहलाने वाली तुलसी के पत्ते को तो भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने के लिए तुलसी दल हमेशा एकादशी के एक दिन पहले दिन ढलने से पहले तोड़ लेना चाहिए. ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते कभी भी बगैर नहाए नहीं तोड़ना चाहिए.
- किसी भी माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि पर भूलकर भी व्यक्ति को बाल, नाखून आदि नहीं कटवाना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित इस पावन तिथि पर क्षौर कर्म करने पर व्यक्ति के घर से श्री यानि लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं और उसे जीवन में तमाम तरह के कष्ट का सामना करना पड़ता है.
- भगवान विष्णु की कृपा बरसाने वाले एकादशी व्रत में चावल का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता है. ऐसे में आज जलझूलनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल न खाएं. मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने पर व्यक्ति के पुण्य फल का नाश होता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)