Sawan 2022: सावन में गंगाजल को घर में लाने और शिवलिंग पर चढ़ाने से पहले जरूर जान लें जरूरी नियम

Sawan 2022: सावन में गंगाजल को घर में लाने और शिवलिंग पर चढ़ाने से पहले जरूर जान लें जरूरी नियम

जिस गंगा जल से व्यक्ति का जुड़ाव जन्म से लेकर मृत्यु तक बना रहता है, उसे श्रावण मास में भगवान शिव को चढ़ाने और घर पर लाने से पहले जरूर जान लें ये जरूरी नियम.

Sawan 2022 Gangajal ka niyam upay ghar mein ganga jal kahan rakhen

हिंदू धर्म में पवित्र गंगा जल को अमृत के समान पूजनीय और महत्वपूर्ण माना गया है. यही कारण है कि पूजा-पाठ से लेकर हर शुभ काम में गंगा जल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. सावन के महीने में इस जल का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि भगवान शिव के भक्त अपने आराध्य देव यानि महादेव को चढ़ाने के लिए लंबी दूरी तय करते हुए कांवड़ यात्रा करते हैं. श्रावण मास में आपकी शिव साधना सफल हो इसके​​ लिए घर में गंगाजल लाने, उसे रखने और भगवान शिव पर चढ़ाने से जुड़े जरूरी नियम जरूर पता होना चाहिए. भगवान शिव पर चढ़ाने और मांगलिक कार्यों में प्रयोग लाने जाने वाले पवित्र गंगा जल को कहां, किस तरह से रखा या फिर उपयोग में लाया जाता है, आइए इसे विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं. .

सावन के महीने में जल कब चढ़ेगा

भगवान शिव के प्रिय मास सावन में शिवरात्रि के दिन गंगा जल चढ़ाया जाता है जो कि इस साल 26 जुलाई 2022 को पड़ेगी. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करने का शुभ मुहूर्त 26 जुलाई 2022 को शाम 07:23 से प्रारंभ होकर रात्रि 09:27 बजे तक रहेगा, लेकिन ध्यान रखें कि भगवान शिव को प्लास्टिक की बोतल या पैकेट से जल न चढ़ाएं. शिव काे गंगा जल हमेशा तांबे के बर्तन से चढ़ाएं.

घर में गंगाजल कहां रखना चाहिए

यदि आप अपने घर में गंगाजल लाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए गंगा स्नान करने के बाद उसे किसी तांबे अथवा अन्य किसी धातु के बने पात्र में रखकर अपने घर में लाना चाहिए. गंगा जल को इकट्ठा करने के लिए भूलकर प्लास्टिक के पात्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए. गंगा जल को घर में लाने के बाद उसे उत्तर-पूर्व दिशा यानि भगवान की दिशा में किसी पवित्र जगह पर रखना चाहिए और उसका प्रयोग कभी भी जूठे हाथ से नहीं करना चाहिए.

गंगा जल किस लिए होता है

सनतान परंपरा में गंगा जल का प्रयोग पूजा-पाठ से लेकर तमाम धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों के लिए होता है. पवित्र गंगा जल से न सिर्फ भगवान को भोग लगाया जाता है बल्कि अक्सर इसी गंगाजल को मंदिर में पुजारी चरणामृत के रूप में तुलसी के साथ लोगों को देते हैं. अमृत रूपी गंगा जल अक्सर किसी देव-अनुष्ठान एवं मांगलिक कार्य को करते समय संकल्प लेने और शुद्धिकरण के काम आता है. इसका प्रयोग पवित्र होने के लिए किया जाता है. गंगा जल को घर के भीतर और बाहर छिड़कने से बुरी शक्तियां या नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि बनी रहती है.

गंगा जल से जुड़े उपाय

यदि आप किसी कारण किसी तीज-त्योहार पर गंगा तट पर न पहुंच पाएं तो आप इसे नहाने के पानी में थोड़ा सा मिलाकर मां गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करें. मान्यता है कि गंगाजल से जुड़े इस उपाय को करने पर गंगा स्नान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरे सावन के महीने शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाए तो उस पर शिव कृपा जरूर बरसती है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)