पार्टी की कमान अपने हाथ में लेंगे नीतीश कुमार? आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

पार्टी की कमान अपने हाथ में लेंगे नीतीश कुमार? आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

नीतीश कुमार को जेडीयू का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, जबकि ललन सिंह खुद इस्तीफा दे सकते हैं. गुरुवार को जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में ललन सिंह के इस्तीफे पर चर्चा नहीं हुई है. वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने दावा किया है कि पार्टी एनडीए के साथ नहीं जा रही है.

जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू की आज दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. ये बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू होगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी बड़े नेता शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि बैठक के एजेंडे में आगामी लोकसभा चुनाव और इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत की जा सकती है. इस पर बातचीत शुरू करने के लिए एक समिति का गठन किया जा सकता है. साथ ही साथ पार्टी के भीतर किसी भी तरह का मन-मुटाव न दिखाई दे इसको लेकर सामंजस्य बैठाने पर बातचीत संभव है.

इस बैठक के बाद नीतीश कुमार बड़े फैसले का ऐलान कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को जेडीयू का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, जबकि ललन सिंह खुद इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि ललन सिंह के इस्तीफे की अटकलों को पार्टी के नेता केसी त्यागी ने गलत बताया है. साथ ही साथ उन्होंने जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया है. उनका कहना है कि पार्टी एनडीए के साथ नहीं जा रही है.

कहा ये भी जा रहा है कि नीतीश कुमार पार्टी की कमान अपने हाथ में ले सकते हैं या फिर किसी भरोसेमंद सहयोगी को सौंप सकते हैं. पार्टी के टॉप पद पर बदलाव गठबंधन सरकार में प्रमुख भागीदार लालू यादव की आरजेडी के साथ ललनसिंह की बढ़ती निकटता के कारण किया जा सकता है. मुख्यमंत्री चुनावी साल में पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं.

गिरिराज सिंह का बड़ा दावा, खतरे में नीतीश की कुर्सी

सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में ललन सिंह के इस्तीफे पर चर्चा नहीं हुई है. बैठक में सिर्फ चुनाव तैयारियों पर बातचीत की है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार को लेकर केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह ने बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि सीएम नीतीश की कुर्सी खतरे में है. उनकी जगह मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे. जेडीयू का RJD में विलय तय है.

बिहार में कड़ाके के सर्दी के बीच बढ़ा हुआ सियासी पारा गर्मी बढ़ा रहा है. सरकार में शक्ति का संतुलन आरजेडी के पक्ष में झुका हुआ है. उसके पास 79 विधायक हैं और जेडीयू के पास 45 हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन में प्रमुख भागीदार के रूप में आरजेडी जल्द ही अपने नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने के लिए दबाव डाल सकती है. इसके अलावा सीट बंटवारे पर आरजेडी अपने विधायकों की संख्या का हवाला देकर जेडीयू से अधिक सीटें लेने की मांग उठा सकती है.

लोकसभा की 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जेडीयू

जेडीयू बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और बाकी 23 सीटें आरजेडी, कांग्रेस और सीपीएम (एमएल) के लिए छोड़ना चाहती है. नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में खुद का कद बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि उन्होंने इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से बिल्कुल इनकार किया है और उनका कहना है कि उनकी पद को लेकर कोई इच्छा नहीं है. इंडिया गठबंधन को खड़ा करने में नीतीश कुमार की भूमिका अहम मानी जाती है. उन्होंने सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की पहल की थी. नीतीश ने इस साल की शुरुआत में पटना में पहली बैठक आयोजित की थी. इसके बाद उन्होंने जाति जनगणना पर जोर दिया.