Women T20 WC: जिसे नहीं समझा टीम के लायक, वही बनी जीत की नायक, 2 खास लोग बने गवाह
जेमिमा रोड्रिग्ज को पिछले साल न्यूजीलैंड में खेले गए वनडे विश्व कप में जगह नहीं मिली थी. इससे जेमिमा टूट गईं थीं लेकिन इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम से जिस तरह की उम्मीद थी उसने आईसीसी टी20 विश्व कप का आगाज उसी तरह से किया है.हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने रविवार को अपने पहले मैच में पाकिस्तान को मात दी है. इस रोमांचक मैच में एक समय लग रहा था कि पाकिस्तान की टीम भारत को हरा देगी लेकिन टीम की अनुभवी बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्ज ने एक छोर संभाले रखा और नाबाद रहते हुए अर्धशतक लगा टीम को शानदार जीत दिलाई.जेमिमा ने ही चौका मार टीम को जीत दिलाई. आज जो जेमिमा टीम की स्टार बनी हैं उन्हें ही एक समय टीम से बाहर कर दिया गया था.
जेमिमा को पिछले साल न्यूजीलैंड में खेले गए वनडे विश्व कप में जगह नहीं मिली थी. इससे जेमिमा टूट गईं थीं लेकिन इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और मेहनत करते हुए वापसी की और आज एक अहम मुकाबले में भारत को जीत दिलाई. उन्होंने जून में 2022 में टीम इंडिया में वापसी की थी और श्रीलंका के खिलाफ 27 गेंदों पर नाबाद 36 रनों की पारी खेली थी. तब से वह टीम की धुरी बनी हुई हैं.
अहम समय पर जमाए पैर
पाकिस्तान ने भारत को 150 रनों का लक्ष्य दिया था. इसके मुकाबले यास्तिक भाटिया और शेफाली वर्मा ने टीम को अच्छी शुरुआत दी. दोनों ने मिलकर 38 रन जोड़े. भाटिया 17 रन बनाकर आउट हो गईं और उनकी जगह आईं जेमिमा. इस खिलाड़ी ने फिर पैर जमाए. इस बीच शेफाली 33 और हरमनप्रीत कौर 16 रन बनाकर आउट हो गईं थीं. यहां टीम पर संकट था लेकिन जेमिमा ने टीम को इस संकट से बाहर निकालते हुए ऋचा घोष के साथ साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई.जेमिमा ने 38 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से नाबाद 53 रन बनाए. वहीं ऋचा ने 20 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 31 रनों की नाबाद पारी खेली. इन दोनों ने 33 गेंदों पर 58 रनों की पारी खेली.
माता-पिता को कहा शुक्रिया
जेमिमा के लिए ये पारी खास है क्योंकि पिछले साल वह विश्व कप नहीं खेल पाईं थी और अब उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत को विश्व कप में विजयी शुरुआत दिलाई है. इस दौरान उनके मात-पिता भी मौजूद थे. उन्होंने अपनी पारी माता-पिता को समर्पित की है. मैच के बाद जेमिमा ने कहा, “ये पारी मेरे लिए काफी खास है. मैं कुछ दिनों के लिए रनों के लिए संघर्ष कर रही थी,लेकिन मैं अपनी प्रक्रिया पर बनी रही. भगवान का आशीर्वाद रहा. मैं इस पारी को अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहती हूं. वो लोग स्टेडियम में मौजूद हैं. ये पारी उनके लिए.”