झारखंड शराब घोटाला: विधानसभा चुनाव के दौरान ED की छापेमारी, IAS अधिकारी समेत कई लोगों के ठिकानों पर रेड

झारखंड शराब घोटाला: विधानसभा चुनाव के दौरान ED की छापेमारी, IAS अधिकारी समेत कई लोगों के ठिकानों पर रेड

झारखंड में अगले महीने विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में राज्य में चुनावी माहौल के बीच मंगलवार को राजधानी रांची में ED ने छापेमारी की. ईडी ने शराब घोटाले के मामले में एक्शन लेते हुए सीनियर IAS अधिकारी विनय चौबे समेत कई लोगों के ठिकानों पर रेड की, जिस मामले में ईडी ने एक्शन लिया. वह साल 2019 से साल 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में हुआ था, जिसकी वह जांच कर रही है.

झारखंड में चुनावी माहौल के बीच ईडी की कार्रवाई से उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रांची में IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह समेत उनके कई अन्य करीबी रिश्तेदार के ठिकानों पर मगंलवार को ईडी ने छापेमारी की. उन पर आरोप है कि उन्होंने साजिश के तहत झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल की. इसके बाद राज्य में देशी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया और झारखंड में बिना हिसाब की डूप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई.

दरअसल साल 2019 से साल 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है. जांच चलते ईडी को यह पता लगा था कि छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान IAS अधिकारी , अबकारी विभाग के वरीय अधिकारियों और कारोबारी ने अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाला किया गया था . उन्हीं पर आरोप है कि साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब की दुकानों से अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.

EOW ने किया था मामला दर्ज

इसके बाद छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए करोड़ो रुपये के शराब घोटाले मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में EOW रायपुर ने राजधानी रांची के रहने वाले विकास सिंह के बयान के आधार पर पहले मामले की जांच की और फिर मामला दर्ज किया. अब झारखंड में अगले महीने महीने चुनाव हैं, जिसके लिए दो चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के लिए 13 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे.