JNU के ओपन डिबेट में बवाल, उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी

JNU के ओपन डिबेट में बवाल, उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी

JNU (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) दिल्ली में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव होने हैं. उससे पहले बीते 20 मार्च की रात को लेफ्ट फ्रंट और ABVP प्रत्याशी के बीच ओपन डिबेट हुई, जिसमें लेफ्ट फ्रंट प्रत्याशी की तरफ से उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी की गई.

JNU कैंपस में चार साल बाद छात्र संघ के चुनाव शुक्रवार यानि 22 मार्च को होने हैं, लेकिन उससे पहले कैंपस का माहौल एक बार फिर गर्म है और विवादों की एंट्री हो चुकी है. बुधवार रात शुरू हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट गुरुवार सुबह चार बजे तक चली और इसमें शरजील इमाम, उमर खालिद जैसे लोगों के समर्थन की आवाज उठी तो जय श्रीराम के नारे भी उठे. वहीं कुछ छात्रों ने जय श्रीराम के नारे का उपहास भी बनाया और नारेबाजी की.

बता दें कि JNU में छात्र संघ के चुनाव से पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान ABVP ने जय श्रीराम के नारे लगाए तो जवाब में विरोधियों ने हवा में उड़ गए जय श्रीराम की नारेबाजी की. लेफ्ट फ्रंट से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी धनंजय ने मंच से शरजील इमाम और उमर खालिद के समर्थन की बात की तो माहौल और गर्म हो गया. ABVP ने इसे एंटी नेशनल करार दिया है.

ABVP से उमेश चंद्र अजमीरा मैदान में

JNU में छात्र संघ के चुनाव से पहले ABVP से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी उमेश चंद्र अजमीरा की तबीयत बिगड़ी, लेकिन वो उसी जगह धरने पर लेट गए हैं, जहां बुधवार देर रात तक प्रेसिडेंशियल डिबेट चली. ABVP ने आरोप लगाया कि उनके प्रत्याशी के बयान पर EC ने पक्षपात किया और निंदा की. उमेश चंद्र अजमीरा आदिवासी समुदाय से आते हैं और उन्होंने ये तक आरोप लगा दिया है कि लेफ्ट फ्रंट द्वारा आदिवासी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

एक-दूसरे पर प्रत्याशियों ने लगाए आरोप

वहीं लेफ्ट फ्रंट का इस पूरे विवाद पर कहना है कि चुनाव के समय नारेबाजी और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप होते हैं, लेकिन लेफ्ट की विरासत रही है और ABVP पैसे और ताकत के बल पर चुनाव जीतना चाहती है. फिलहाल कैंपस में माहौल शांत जरूर है, लेकिन शुक्रवार चुनाव के समय JNU प्रशासन उन्हें सुरक्षा दे पाएगा की नहीं, इस बात पर संशय है.

JNU चुनाव में NSUI इस बार शांत

JNU कैंपस में हर साल होने वाले छात्र संघ चुनाव इस बार चार साल के अंतराल पर हो रहे हैं. ABVP और लेफ्ट में कड़ी टक्कर बताई जा रही है. चुनावी माहौल में JNU मेन गेट पर इस बार भगवा झंडे, जय श्रीराम के नारे वाले झंडे और भगवान राम के पोस्टर की संख्या ज्यादा है, जबकि लाल झंडे इस बार कम दिखाई दे रहे हैं. वहीं NSUI इस बार ज्यादा सामने नहीं दिख रहा. ऐसे में चुनाव नतीजे बताएंगे कि इस बार JNU में किस पक्ष का प्रभाव ज्यादा रहता है, लेकिन चुनाव से पहले सभी पक्ष अपनी-अपनी जीत का दावा पेश कर रहे हैं.