SSC Scam: अर्पिता के बाद अब ED की रडार पर सबीना निशात उमर, लोक शिक्षण निदेशालय में विशेष अधिकारी के पद पर थीं तैनात

SSC Scam: अर्पिता के बाद अब ED की रडार पर सबीना निशात उमर, लोक शिक्षण निदेशालय में विशेष अधिकारी के पद पर थीं तैनात

एसएससी घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के बाद अब केंद्रीय एजेंसी प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर सबीना निशात उमर आ गई हैं.

पश्चिम बंगाल से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. एसएससी घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के बाद अब केंद्रीय एजेंसी प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर सबीना निशात उमर आ गई हैं. सबीना निशात स्पेशल ड्यूटी पब्लिक ऑपरेशन की अधिकारी हैं. बताया जा रहा है कि सबीना अंग्रेजी मिली अल आमीन कॉलेज कोलकाता की प्रोफेसर थीं. साथ ही वह लोक शिक्षण निदेशालय में विशेष अधिकारी के पद पर भी तैनात थीं.

सूत्रों ने बताया है कि सबीना के तार पार्थ चटर्जी से भी जुड़े हैं. सबीना के साथ समस्या यह है कि कोई भी नहीं जानता था कि उन्हें लोक शिक्षण निदेशालय में नियुक्त किया गया था. सूत्रों का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत पसंद के आधार पर लोक शिक्षण निदेशालय में नियुक्त किया गया था और पार्थ चटर्जी और सुकांत आचार्य के करीबी होने के कारण उन्हें ओएसडी पद दिया गया था.

ईडी ने फ्लैट से बरामद किए करीब 29 करोड़

ईडी को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से बुधवार को भारी मात्रा में नकदी मिली. ईडी ने बताया है कि इस बार अर्पिता के फ्लैट से 29 करोड़ रुपए कैश मिला है. जिसके बाद अब तक की कार्रवाई में 50 करोड़ का कैश बरामद किया जा चुका है. अधिकारी ने कहा कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिली. अर्पिता मुखर्जी को राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है, जिन्हें एजेंसी ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है.

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी. अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया असहयोगात्मक है.

चटर्जी के शिक्षामंत्री रहते हुआ था भर्ती घोटाला

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ग और घ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है. वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन के कोण से जांच कर रहा है. उल्लेखनीय है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे.

(भाषा इनपुट के साथ)