जन्म देकर मां ने छोड़ा साथ, कागजी खानापूर्ति में ही लग गए 6 महीने; अब मिला मासूम को आसरा

जन्म देकर मां ने छोड़ा साथ, कागजी खानापूर्ति में ही लग गए 6 महीने; अब मिला मासूम को आसरा

कानपुर में एक महिला ने 22 अक्टूबर, 2024 को अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा बच्चा चिकित्सालय में एक बच्ची को जन्म देकर उसे छोड़ दिया. ऐसे में अब डीएम के मौखिक आदेश के बाद मासूम शिशु को राजकीय बाल गृह (बालिका) यूनिट-1 में अस्थायी आश्रय दिलाने का निर्णय लिया गया.

दुनिया में आते ही एक बच्चे को सबसे पहले उसकी मां की गोद नसीब होती है, लेकिन यूपी के कानपुर में एक बच्ची को उसकी मां ही बेसहारा छोड़कर चली गई थी. अस्पताल की नर्स ने मासूम को सहारा तो दिया, लेकिन जरूरत थी मासूम के लिए एक छत की. मामला सरकारी नियमों में उलझा, लेकिन आखिरकार 6 महीने के बाद डीएम की पहल पर मासूम बच्ची को छत मिल ही गई.

मासूम शिशु को राजकीय बालिका चिकित्सालय में रखने का निर्णय लिया गया है. मासूम को यहां पर अस्थाई रूप से रखा जाएगा और उसके पालन पोषण के लिए जो भी जरूरी है वो सब उपलब्ध कराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक 22 अक्टूबर, 2024 को अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा बच्चा चिकित्सालय में कानपुर देहात निवासी गर्भवती महिला काजल भर्ती हुई थी.

कहां की रहने वाली थी महिला?

काजल का प्रसव हुआ और उसने शिशु को जन्म दिया. शिशु को बाल रोग चिकित्सालय के एस०एन०सी०यू० में भर्ती कराने के बाद महिला अपर इंडिया से चली गई और शिशु को देखते के लिये कोई भी परिजन नहीं आए. ऐसे में वहां पर मौजूद स्टाफ ने शिशु को देखभाल की और वो मासूम पूरी तरह स्वस्थ हो गया. हालांकि चूंकि रिकॉर्ड में काजल ने अपने को कानपुर देहात का निवासी बताया था.

डीएम में संज्ञान में लिया मामला

ऐसे में न्यायपीठ बाल कल्याण समिति, कानपुर नगर द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बाल रोग चिकित्सालय कानपुर नगर को शिशु के सम्बन्ध में अग्रिम आदेश न्यायपीठ बाल कल्याण समिति कानपुर देहात से प्राप्त करने को निर्देशित किया गया था, जब सरकारी नियमों की वजह से कई महीने निकल गए तो यह मामला डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के संज्ञान में आया.

आश्रय दिलाने का लिया गया निर्णय

इसके बाद डीएम के मौखिक आदेश के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर की सूचना के आधार पर न्यायपीठ के बहुमत के निर्णयानुसार उस मासूम शिशु को राजकीय बाल गृह (बालिका) यूनिट-1, स्वरूप नगर, कानपुर नगर में अस्थायी आश्रय दिलाने का निर्णय लिया गया. वहां पर शिशु को उचित सुरक्षा, संरक्षण और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.