यूपी में सीट बंटवारे पर 15 साल पुराना दांव चल रही कांग्रेस, क्या अखिलेश को आएगा रास?

यूपी में सीट बंटवारे पर 15 साल पुराना दांव चल रही कांग्रेस, क्या अखिलेश को आएगा रास?

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है. लेकिन सीटों के बंटवारे पर दोनों ही पार्टियों के बीच खींचतान जारी है. कांग्रेस 2009 के चुनावों के चुनाव को जहन में रखकर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावा ठोकने की फिराक में है तो वहीं सपा 2022 के चुनाव के जरिए ज्यादा सीटें हथियाने की फिराक में है.

आगामी लोकसभा में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बना तो लिया है, सीटों के बंटवारे को लेकर इनमें रस्साकशी जारी है. खासतौर पर यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच जद्दोजहद जारी है. समाजवादी पार्टी जहां 2022 के विधानसभा चुनावों का हवाला देकर ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है, तो वहीं कांग्रेस 2009 में अपने प्रदर्शन की याद दिला रही है.वैसे यूपी में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति कैसी है ये बात किसी से छिपी नहीं है, वहीं, हाल में तीन राज्यों में मिली हार के बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. यूपी में इंडिया गठबंधन की मुखिया है सपा ही है, इस बात को कांग्रेस भी मानती है. ऐसे में सपा यूपी में कांग्रेस को कम से कम हिस्सा देने के मूड में हैं. सूत्रों के मुताबिक सपा ने 2022 के विधानसभा चुनावों का आंकड़ा लेकर कांग्रेस से बात कर रही है.

समाजवादी पार्टी का चुनावी आंकड़ा

  • 80 लोकसभा सीटों में सपा कांग्रेस से हर सीट पर काफी आगे है.
  • रायबरेली, अमेठी जैसी सीटों पर भी सपा का आंकड़ा कांग्रेस पर काफी भारी है.
  • गाजीपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, कन्नौज जैसी करीब 20 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस ने 10 हजार का आंकड़ा पार नहीं किया.
  • बनारस में सपा को 4 लाख के करीब वोट मिले वहीं कांग्रेस को महज 50 हजार के करीब.

इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि सूबे में समाजवादी पार्टी कांग्रेस से मीलों आगे दिखाते हैं. ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि वो इन आंकड़ों के जरिए राज्य में ज्यादा सीटें हथिया सकती है.

कांग्रेस के जहन में 2009 का चुनाव

वहीं कांग्रेस के जेहन में 2009 का लोकसभा चुनाव है. इस चुनाव में कांग्रेस ने 21 तो सपा ने 22 सीटें जीती थीं. हालांकि इसके बाद हुए उपचुनाव में फिरोजाबाद में राज बब्बर ने डिंपल को हरा दिया था जिससे कांग्रेस की भी 22 सीटें हो गई थी. इस तरह 22 सीटों के साथ कांग्रेस सपा के बराबर पहुंच गई थी. 2009 में करीब दर्जन भर सीटें ऐसी थीं जहां कांग्रेस दूसरे नम्बर पर थी. इसीलिए कांग्रेस सपा से के 2022 का मुकाबला अपने 2009 के आंकड़ों से देने की राह पर है.

2009 में इन 21 सीटों पर कांग्रेस ने दर्ज की जीत

  • अमेठी, रायबरेली, अकबरपुर, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, धौरहरा, डुमरियागंज
  • फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गोंडा, कानपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर,
  • मुरादाबाद, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, उन्नाव, झांसी,महाराजगंज

यानी देश की राजनीति में कभी सबसे ताकतवर पार्टी रही कांग्रेस भी बंटवारे में आसानी से हथियार डालने को तैयार नहीं है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. 12 जनवरी को एक बार फिर से दोनों ही पार्टियों के सिपहसालार बातचीत करेंगे और अपने अपने आंकड़ों के जरिए ज्यादा सीटों पर दावा ठोकने की कोशिश करेंगे.