BJP ने फाइनल किया लोकसभा चुनाव का प्लान, 2019 से ज्यादा सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार, पहली लिस्ट में होंगे इतने नाम

BJP ने फाइनल किया लोकसभा चुनाव का प्लान, 2019 से ज्यादा सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार, पहली लिस्ट में होंगे इतने नाम

इस बार बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है क्योंकि पिछली बार की तुलना में इस बार उसके सहयोगी दलों की संख्या कम हो गई है. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है. जानें पहली लिस्ट में कितने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है बीजेपी?

बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी. जनवरी के अंत में या फरवरी के पहले सप्ताह में बीजेपी की पहली लिस्ट जारी हो सकती है. पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नाम होंगे. पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपनी पहली ही सूची में पीएम मोदी और अमित शाह की सीटों के नाम का ऐलान किया था.

बीजेपी की पहली सूची में उन 164 से ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होगी, जो सीटें बीजेपी आज तक कभी नहीं जीती या जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है. बीजेपी पिछले दो साल से ऐसी सीटों पर लगातार मेहनत कर रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 543 में से 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इनमें बीजेपी 133 सीटों पर चुनाव हार गई थी.

सी और डी कैटेगरी में बंटेगी सीटें

27 अन्य सीटें हैं, जहां बीजेपी कमजोर है. इन 164 सीटों का क्लस्टर बनाकर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को इनकी जिम्मेदारी दी गई, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. बीजेपी ने इन सीटों को सी और डी कैटेगरी में बांटा है और 80-80 सीटों की दो श्रेणियां बनाई हैं. 40 मंत्रियों को इन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. हर मंत्री के जिम्मे दो से तीन सीटें हैं.

इस बार बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है क्योंकि पिछली बार की तुलना में इस बार उसके सहयोगी दलों की संख्या कम हो गई है. 2019 में बीजेपी का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में AIADMK और राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP के साथ तालमेल था.

बीजेपी ने पंजाब की 13 में से तीन, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने बीजेपी को पांच सीटें दी थीं. इस बार इन राज्यों में बीजेपी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी

कमजोर सीटें

बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में ऐसी 14 सीटों की लिस्ट तैयार की है, जहां वो खुद को कमजोर पाती है. पार्टी 2019 में उत्तर प्रदेश में 16 सीटों पर हारी थी. लेकिन दो सीटें उसने उपचुनाव में जीत लीं. रायबरेली, मैनपुरी, बिजनौर, सहारनपुर, संभल, मुरादाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, रामपुर, आजमगढ, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, घोसी, लालगंज सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में होंगे.

इनमें कुछ सीटें सपा की गढ़ मानी जाती हैं और बीजेपी की कोशिश इस बार इन सीटों को अपने पाले में करने की है. ऐसे ही बिहार में नवादा, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर, गया, सुपौल, नालंदा सीट के प्रत्याशी घोषित होंगे. मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा सीट बेहद कमजोर श्रेणी में आती है. यह पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ है. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को यहां फिर झटका लगा है. इसकी जिम्मेदारी गिरिराज सिंह को दी गई है.

  • केरल में त्रिशूर, पत्तनमतिट्टा , तिरुवनंतपुरम सीटें हैं. त्रिशूर से बीजेपी सुरेश गोपी को टिकट दे सकती है.
  • महाराष्ट्र से बारामती, बुलढाना, औरंगाबाद,पंजाब में अमृतसर, आनंदपुर साहिब, भटिंडा, गुरदासपुर सीट शामिल हैं.
  • तमिलनाडु से तिरूपति, काकीनाडा, विशाखापतनम, गुंटुर सीट.
  • तमिलनाडु से रामनाथपुरम,शिवगंगा, वेल्लौर, कन्याकुमारी, चेन्नई दक्षिण सीट
  • छत्तीसगढ़ से बस्तर, कोरबा
  • ओडिशा में ढेंकनाल, भद्रक, कटक, पुरी, कंधमाल, भद्रक, नबरंगपुर, अस्का
  • जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी
  • हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट
  • राजस्थान की नागौर और दौसा सीट
  • लक्षद्वीप सीट
  • झारखंड राजमहल और सिंहभूम सीट
  • तेलंगाना से खम्मम, हैदराबाद, ज़हीराबाद, अदिलाबाद, मलकाजगिरी, वारंगल, महबूबनगर
  • पश्चिम बंगाल से आसनसोल, बोलपुर, वीरभूम, डॉयमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकात्ता नार्थ, कोलकात्ता साऊथ, दमदम, उलूबेरिया सीट.

70+ को नहीं मिलेगा टिकट

पंजाब, महाराष्ट्र और बिहार की कुछ सीटों पर गठबंधन में चर्चा के चलते भी सीटें इधर-उधर हो सकती है. बीजेपी इस बार 70 साल से अधिक और तीन बार से अधिक बार जीते लोकसभा सांसदों को टिकट न देने का मन बना रही है. उसकी कोशिश है कि नए चेहरों पर दांव लगाया जाए. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोक सभा चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाने का लक्ष्य दे चुके हैं.